-सर्वप्रथम एक पात्र में नर्मदाजल, गंगाजल या ताजा शुद्धजल ले लें फ़िर उस जल से भरे पात्र को अपने दोनों हाथों में लेकर निम्न मंत्र का तीन बार उच्चारण कर उस जल को अभिमंत्रित करें। इस अभिमंत्रित जल को अपने स्नान करने वाले जल में मिश्रित कर उस जल से स्नान करें। इस प्रकार के स्नान से आपको समस्त पवित्र नदियों में स्नान का पुण्यफ़ल प्राप्त होगा।
मंत्र
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती,
नर्मदा सिन्धु कावेरी जलेस्मिन सन्निधि कुरु॥
तुलसी माला धारण कर स्नान करें:
शास्त्रानुसार तुलसी की माला धारण कर स्नान करने से समस्त तीर्थों में स्नान करने का पुण्यफ़ल प्राप्त होता है।
ब्रह्म स्नान-
जब भी आप किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुण्ड में स्नान करें तो जल में खड़े होकर स्वयं को मध्य में रखते हुए अपने आसपास तर्जनी अंगुली से जल में एक त्रिकोण का निर्माण करें तत्पश्चात् उस त्रिकोण के अन्दर अपने गुरु मंत्र या भगवन्नाम का उच्चारण करते हुए तीन बार डुबकी लगाएं। इस प्रकार किए गए स्नान को ब्रह्म स्नान कहा जाता है।