हमारे सनातन धर्म में तिथियों का बहुत महत्व है। जैसा कि पाठकों को विदित है कि एक हिन्दू मास में दो पक्ष होते हैं एवं प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं जिन्हें प्रतिपदा, द्वितीया, चतुर्थी, एकादशी इत्यादि नामों से जाना जाता है। ये सभी तिथियां साधकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती हैं।
इनमें से कुछ तिथियों पर व्रत रखा जाता है जैसे एकादशी, प्रदोष, चतुर्थी इत्यादि वहीं कुछ तिथियों पर स्नान, दान व अनुष्ठान किया जाता है जैसे पूर्णिमा, अमावस्या आदि। इन सभी 15 तिथियों के अधिपति व प्रधान देव भी होते हैं।