Tula sankranti 2023: सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं जिनमें से मकर, मेष, मिथुन, धनु और कर्क संक्रांति को महत्वपूर्ण माना जाता है परंतु किन्हीं राज्यों में कन्या, तुला और मीन संक्रांति को भी महत्व दिया जाता है। आओ जानते हैं कि तुला संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त।
सूर्य में तुला का प्रभाव : सूर्यदेव मेष राशि में उच्च के और तुला राशि में नीच के होते हैं। इसलिए इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सौर मास के दो हिस्से है उत्तरायण और दक्षिणायम। सूर्य के मकर राशि में जाने से उत्तरायण प्रारंभ होता है और कर्क में जाने पर दक्षिणायन प्रारंभ होता है। इस बीच तुला संक्रांति होती है।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:14 से 06:38 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 06:33 से 09:01 तक।
अमृत सिद्धि योग : सुबह 06:33 से 09:01 तक।