धरा के आंगन में शीत ऋतु के साथ अठखेलियां करते हुए जनमानस कभी बर्फभरी वादियों में उसके साथ क्रीड़ा करता है तो कभी गर्म कपड़ों में जा छिपता है, किंतु ऋतुराज वसंत के आते ही हौले-हौले वासंती बहारें बहने लगती हैं, जो जन-जीवन को विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे वासंती फूलों से महकाती हैं।
वसंत बहारों द्वारा खिलाए गए नाना प्रकार के पुष्पों को देख नवयौवन में कदम रखे हुए युगल-प्रेमियों का मन अपने साथियों को लुभाने के लिए अग्रसर रहता है व जीवनसाथी के साथ अपने परमधाम गृहस्थ आश्रम की परिधि में रहते हुए प्यार व चाहत का इजहार करने के लिए प्रत्येक दिल उत्साहित हो उठता है।
इसी उत्साह व प्रेम का प्रतीक वेलेंटाइन-डे प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष रविवार, 14 फरवरी 2016 को प्रत्येक नवयुवक व नवयुवतियों को जोश व उत्साह से भर खुशनुमा वातावरण बना देने को लालायित है।
यह दिवस संत वेलेंटाइन, जो कि रोम में एक चर्च के पादरी थे, के नाम पर मनाया जाता है जिन्होंने उस देश-काल के अनुसार लोगों को प्रेम व चाहत का संदेश दिया जिसे विशेषत: युवा वर्ग आज भी सजाए हुए है।
ज्योतिष में अंकशास्त्रीय दृष्टि से 14 फरवरी का दिन बहुत महत्वपूर्ण है जिसका योग 1+4=5 बनता है, जो काल पुरुष की कुंडली में 12 घरों में 5वां घर (यानी कि नंबर 5) प्रेम का घर होता है अर्थात अंकशास्त्रीय दृष्टि से यह दिन प्रेम व चाहत को बढ़ाने वाला होता है बशर्ते सही जगह व उपयुक्त व्यक्ति, स्थान व सामाजिक ढांचे का ध्यान रखा जाए तो जो युवा अपने हमसफर की तलाश में हैं या फिर जो अपना पहला कदम इस ओर बढ़ाना चाह रहे हैं या फिर इस ओर कई कदम चल चुके हैं उनके लिए यह दिन अनुकूल साबित होगा।
अगर आप इस दिन अपने कमरे या घर को गुलाबी रंग से सजाएं व पोशाक लाल रंग की पहनें तो यह प्रणय-संबंधों में आनंद को और अधिक बढ़ाएगा।
14 फरवरी को वेलेंटाइन-डे विश्व के अनेक देशों सहित भारत में भी बड़े जोश व उमंग के साथ मनाया जाता है जिससे शहरों, नगरों के बाजारों में चहुंओर चहल-पहल व रौनक दिखाई देती है।
लाल व गुलाबी रंग प्रेम, उत्साह व ऊर्जा के प्रतीक हैं तथा पुष्प कोमलता व आकर्षण का जिससे लाल गुलाब व गुलाबी रंग बहुत ही विशेष हो जाते हैं।
मेष व वृश्चिक राशि के सहित जिन जातकों की कुंडली में लाल ग्रह मंगल उपयुक्त स्थान पर है, उन्हें इस दिन अलग ही आनंद मिलता है, किंतु मंगल की स्थिति प्रतिकूल होने पर वह संबंधों में तनाव व कटुता दे सकती है।
ऐसे जातकों को गुस्से से बचते हुए आपसी प्यार व विश्वास को बढ़ाकर गृहस्थ आश्रम का भरपूर आनंद लेना चाहिए या फिर जिस किसी के जीवन में अधिक तनाव व उग्रता हो रही हो, उसे संबंधित ग्रहोपचार कर आपसी जीवन में प्रेम व चाहत को बढ़ाना चाहिए जिससे वेलेटाइंस-डे को सही अर्थों में मना सकें।