वट सावित्री के व्रत का प्रारंभ ज्येष्ठ माह की अमावस्या होता है और इसका समापन ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन होता है। दक्षिण के मान से 3 जून को और उदयातिथि के मान से 4 जून को वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। महिलाएं यह व्रत अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं, परंतु आर्थिक तंगी दूर करने के लिए इस दिन मात्र 5 उपाय कर लेंगे तो धन की आवक बढ़ जाएगी।
4. चौथा उपाय : वट के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। इसलिए इस दिन वट वृक्ष की विधिवत पूजा करके परिक्रमा करेंगे तो घर में सुख-शांति, और धनलक्ष्मी का वास होगा।