उपर्युक्त सूत्रानुसार शास्त्र आठ बातों को मृत्यु के सदृश मानता है, ये हैं- व्यथा, दु:ख, भय, लज्जा, रोग, शोक, बंधन, अपमान। अर्थात् यदि किसी जातक पर मारकेश की दशा प्रभावशाली हो और उसकी आयु हो तो मारकेश की दशा में प्राणहानि ना होकर उसे इस दशा में केवल अत्यधिक कष्ट का सामना करना पड़ेगा जिसे मृत्युतुल्य कष्ट कहा जा सकता है।