मणियां कई प्रकार की होती है। जैसे घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उपलक मणि, स्फटिक मणि, पारस मणि, उलूक मणि, मासर मणि और लाजावर्त मणि। ज्योतिष के अनुसार लाजावर्त मणि के बारे में जानिए अद्भुत जानकारी।
कैसी होती है लाजावर्त मणि- यह कई प्रकार की होती है। लाजावर्त नाम का एक पत्थर भी होता है। लाजावर्त या लाजवर्द मणि का रंग मयूर की गर्दन की भांति नील-श्याम वर्ण के स्वर्णिम छींटों से युक्त होता है। यह मणि भी प्राय: कम ही पाई जाती है, लेकिन पत्थर मिलता है। इसके नाम से कई नकली पत्थर भी बाजार में मिलते हैं।
इस मणि को धारण करने के लाभ- कहते हैं कि लाजावर्त मणि को धारण करने से बल, बुद्धि एवं यश की वृद्धि होती ही है। माना जाता है कि इसे विधिवत रूप से मंगलवार के दिन धारण करने से भूत, प्रेत, पिशाच, दैत्य, सर्प आदि का भी भय नहीं रहता।
लाजावर्त मणि या पत्थर तीनों क्रूर ग्रहों (शनि, राहु और केतु) के दोषों और कुप्रभावों को भी खत्म करता है। व्यक्ति घटना, दुर्घटनानों से बच जाता है। इससे सभी तरह का काला जादू और किया-कराया समाप्त हो जाता है। यह मणि पितृदोष को भी समाप्त कर देती है।