कब कब रहता है अभिजीत मुहूर्त, क्या करें इस मुहूर्त में, जानिए

अभिजीत का सामान्य अर्थ होता है विजेता और मुहूर्त अर्थात समय। कई बार ऐसा होता है कि हमें किसी दिन कोई कार्य करना होता है तो अक्सर हम मुहूर्त देखते हैं और पता चलता है कि कोई शुभ मुहूर्त इस दिन है या नहीं यह तो पंचांग का विशेषज्ञ ही बता पाएंगे। ऐसी स्थिति में जिन्हें पंचांग की जानकारी न भी हो तो भी वे अभिजीत मुहूर्त को जानकर कार्य कर सकते हैं क्योंकि अभिजीत मुहूर्त हर दिन होता है।
 
 
क्या होता है अभिजीत मुहूर्त : सूर्योदय से लेकर अगले सूर्योदय तक का समय कुल 30 मुहूर्तों में विभक्त है, जिनमें से 15 सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक तथा 15 सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक के हैं। इन 30 मुहूर्तों में से एक है अभिजित मुहूर्त।
 
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार अभिजीत मुहूर्त प्रत्येक दिन मध्यान्ह से करीब 24 मिनट पहले प्रारम्भ होकर मध्यान्ह के 24 मिनट बाद तक रहकर समाप्त हो जाता है। यह मुहूर्त प्रत्येक दिन के सूर्योदय के अनुसार परिवर्तित होता रहता है। अर्थात यदि सूर्योदय ठीक 6 बजे हो तो दोपहर 12 बजे से ठीक 24 मिनट पहले प्रारम्भ होकर यह दोपहर 12:24 पर समाप्त होगी। इस मुहूर्त को आठवां मुहूर्त भी कहा जाता है। अभिजीत मुहूर्त और अभिजीत नक्षत्र एक साथ पड़ जाएं तो अत्यंत ही शुभ माना जाता है।
 
 
क्या करें इस मुहूर्त में : इस मुहूर्त में किए जाने वाले सभी कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है। अत: इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। सभी शुभ कार्य जैसे किसी विशेष कार्य से यात्रा करना, किसी नए कार्य को प्रारम्भ करना, व्यापार प्रारम्भ करना, धन संग्रह करना या पूजा का प्रारम्भ करना आदि। यह मुहूर्त प्रत्येक दिन में आने वाला एक ऐसा समय है जिसमें आप लगभग सभी शुभ कर्म कर सकते हैं। सामान्य शुभ कार्य के लिए तो यह अत्यंत उत्तम है, परन्तु मांगलिक कार्य तथा ग्रह प्रवेश जैसे प्रमुख कार्यों के लिए और भी योगों को देखा जाना चाहिए। अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा की यात्रा को निषेध माना गया है। साथ ही बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

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