अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है।
आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे जातक का भविष्य...
आर्द्रा नक्षत्र : राहु को आर्द्रा नक्षत्र का अधिपति ग्रह माना जाता है। आर्द्रा नक्षत्र के चारों चरण मिथुन राशि में स्थित होते हैं जिसके कारण इस नक्षत्र पर मिथुन राशि तथा इस राशि के स्वामी ग्रह बुध का प्रभाव भी रहता है।
सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष : -
सकारात्मक पक्ष : हंसमुख, चतुर, चालाक, जिम्मेदार, समझदार, अनुसंधान में रुचि रखने वाले। 32 से 42 के बीच का वर्ष सबसे उत्तम।
नकारात्मक पक्ष : यदि बुध और राहु की स्थिति खराब है तो जातक चंचल स्वभाव, अभिमानी, दुख पाने वाले, बुरे विचारों वाले व्यसनी भी होते हैं। राहु की स्थितिनुसार फल भी मिलता है। अस्थमा, सूखी खांसी जैसे रोग से इस नक्षत्र के जातक कभी-कभी परेशान करते हैं।