यदि पुष्य नक्षत्र रविवार या गुरुवार को आ जाता है तो ऐसे रवि पुष्यामृत योग में तंत्र साधना, मंत्र साधना, गुरु मंत्र ग्रहण, औषधि निर्माण एवं ग्रहण और योग, उपासना शीघ्र फलदायी होती है। उसी तरह गुरु पुष्यामृत योग नवीन प्रतिष्ठान, व्यापार-व्यवसाय, उद्योग, आर्थिक विनिमय, मंत्र दीक्षा, संत दर्शन और मंदिर निर्माण आदि के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।