शनि जयंती : ऐसे करें शनि महाराज का पूजन

शनि देव के बारे में सच से अधिक भ्रम प्रचलित हैं। वे अत्यंत दयालु हैं लेकिन जो लोग नीति विरूद्ध चलते हैं उनके लिए उनकी दृष्टि कुपित हो जाती है और वे उसे न्यायिक दंड अवश्य देते हैं।

शनि को प्रसन्न करने एक ही सर्वमान्य उपाय है कि अपना आचरण शुद्ध रखें। कभी भी किसी का भी अपने वचनों से मन ना दुखाएं। शनि फिर भी अपनी दशा में कष्ट दें तो समझें कि वे आपकी परीक्षा ले रहे हैं और दशा की समाप्ति पर अति शुभ फल देगें।

कैसे करें पूजा-


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* शनिवार के ‍नित्य कर्म से निवृत्त होकर, काले वस्त्र धारण करें।

* शनि मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा को गंध, काले तिल, काले तिल का तेल, उड़द, काला कपड़ा व तेल से बने व्यजंन चढ़ाएं।

* शनिदेव की फूलों और गंध-अक्षत से पूजा करें।

* शनिदेव को भोग लगाने के बाद, शनि स्तवराज का पाठ करें।

* तत्पश्चात पूजा व मंत्र पाठ के बाद शनिदेव की आरती करें।

* इसके बाद कुश का आसन ग्रहण करके पूर्व दिशा की ओर मुख रखें एवं शनि स्त्रोत का जप करें।

* शनि मंत्र का एक माला का जाप करें।

शनि पूजा के लाभ :


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* शनि अमावस्या के दिन इस प्रकार पूजन करने से शनि देव का कोप शांत होता है और शांति मिलती है।

* साढ़ेसाती अथवा ढैय्या की दशा के समय उनके भक्तों को कष्ट की अनुभूति नहीं होती है।

* शनिदेव की प्रसन्नता और कृपा की प्राप्ति होती है।

शनि अमावस्या या शनिवार को क्या करें....


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* काली चींटियों को गुड़ एवं आटा खिलाएं।

* काली उड़द या लोहे की सामग्री का दान करें।

* काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।

* शनिदेव से संबंधित वस्तुओं जैसे काली उड़द या लोहे की सामग्री का दान करें


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