नवग्रह

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्‌। रावणं चाऽग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्‌॥1॥ दैवतैश्...
सूर्य ग्रह नवग्रहों में सर्वप्रमुख देवता हैं। भगवान सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं। इनकी महादशा छः वर...
शुक्र वृष और तुला राशि के स्वामी हैं तथा इनकी महादशा 20 वर्ष की होती है। इनके अधिदेवता इंद्राणी तथा ...
शनि मकर और कुम्भ राशि के स्वामी हैं तथा इनकी महादशा 19 वर्ष की होती है। शनि के अधिदेवता प्रजापिता ब्...
नवग्रहमंडल में राहु का प्रतीक वायव्यकोण में काला ध्वज है। राहु की महादशा 18 वर्ष की होती है। राहु के...
भगवान मंगल मेष तथा वृश्चिक राशि के स्वामी हैं। इनकी महादशा सात वर्षों तक रहती है। मंगल ग्रह की पूजा ...
केतु की महादशा सात वर्ष की होती है। इसके अधिदेवता चित्रकेतु तथा प्रत्यधिदेवता ब्रह्मा हैं। यदि किसी ...
नवग्रहों में दूसरा स्थान प्राप्त चंद्रमा की महादशा दस वर्ष की होती है। ये कर्क राशि के स्वामी हैं। इ...
बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। बुध के अधिदेवता और प्रत्यधिदेवता भगवान विष्णु हैं। इनकी ...
बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। इनकी महादशा सोलह वर्ष की होती है। बृहस्पति एक-एक राशि पर एक-...