2 . इनकी चार भुजाएं हैं तथा शरीर के रोम लाल रंग के हैं।
3 . इनके वस्त्रों का रंग भी लाल है। यह भेड़ के वाहन पर सवार हैं।
4. इनके हाथों ने त्रिशूल, गदा, अभयमुद्रा तथा वरमुद्रा धारण की हुई है। पुराणों में इनकी बड़ी महिमा बताई गई है।
5. मंगल प्रसन्न हो जाए तो मनुष्य की हर इच्छा पूरी हो जाती है।
6 . इनके नाम का पाठ करने से ऋण से मुक्ति मिल जाती है। यदि इनकी गति वक्री ना हो तो यह हर राशि में एक-एक पक्ष बिताते हुए बारह राशियों को ड़ेढ़ वर्ष में पार करते हैं।
9 . मंगल मेष तथा वृश्चिक राशि के स्वामी हैं।
10. इनका सामान्य मंत्र : ॐ अं अंगारकाय नम: है। इसके जाप का समय प्रात: काल का है। इसका एक निश्चित संख्या में, निश्चित समय में पाठ करना चाहिए।