श्री गणेश की स्तुति, पूजा-पाठ, जप आदि से ग्रहों की शांति स्वमेव हो जाती है। यदि किसी भी ग्रह की पीडा़ में कोई उपाय नहीं सूझ रहा हो तो आप श्री गणेशजी की शरण में जाकर अपनी समस्या का हल पा सकते हैं।
जीवन में आनेवाले विघ्न, आलस्य, रोग निवृत्ति, संतान, अर्थ, विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, प्रसिद्धि, सिद्धि आदि की प्राप्ति के लिए गणेश जी की आराधना-अर्चना करने से सहज ही समस्त कष्ट दूर होकर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।
आपके लिए प्रस्तुत श्री गणेशजी के मंत्र जिनके जपने से गणपतिजी से संतुष्ट होते हैं तथा आपकी समस्त मनोकामना पूर्ण करते हैं।
इन मंत्रों के साथ-साथ गणपति अथर्वशीर्ष, संकटनाशन गणेश स्तोत्र, गणेशकवच, संतान गणपति स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, मयूरेश स्तोत्र, गणेश चालीसा का पाठ करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
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श्री गणेश के सरल मंत्र
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श्री गणेश का बीज मंत्र 'गं' है।
* इनसे युक्त मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
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षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है।
* ॐ वक्रतुंडाय हुम्
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विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए, किसी के द्वारा नेष्ट के लिए की गई क्रिया को नष्ट करने के लिए उच्छिष्ट गणपति की साधना करना चाहिए। इनका जप करते समय मुंह में गुड़, लौंग, इलायची, पताशा, ताम्बुल, सुपारी होना चाहिए। यह साधना अक्षय भंडार प्रदान करने वाली है। इसमें पवित्रता-अपवित्रता का विशेष बंधन नहीं है।
उच्छिष्ट गणपति का मंत्र
* ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
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आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए विघ्नराज रूप की आराधना का यह मंत्र जपें -
* गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
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रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप करें-
* ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
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विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने वालों को त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जप करने से शीघ्र विवाह व अनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है-
* ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
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विघ्न को दूर करके धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्ब गणपति का मंत्र जपें -