भाग्य चमकाने के लिए उपासना करें सूर्य नारायण की..

- आचार्य संजय

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विश्व में सूर्य को प्रत्यक्ष देव कहा जाता है अर्थात् हर कोई इनके साक्षात दर्शन कर सकता है। सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए तांबे के पात्र में पुष्प रखकर उन्हें जल चढ़ाना चाहिए। रविवार सूर्य का दिन माना जाता है और इस दिन सूर्य की उपासना का विशेष महत्व है।

सभी ग्रहों में सूर्य नारायण सबसे तेजस्वी और कांतिमय हैं। अतएवं सूर्य आराधना से शरीर भी सुंदर और कांतिमय होता है। ह्रदय रोगियों के लिए भी सूर्य की उपासना करने से आशातीत लाभ होता है। इन्हें आदित्य ह्रदय स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। इससे सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं और दीर्घायु होने का फल प्रदान करते हैं।

मनोवांछित फल पाने के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करें।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।

सूर्य भगवान की कृपा पाने के लिए प्रत्येक रविवार गुड़ और चावल को नदी अथवा बहते पानी में प्रवाहित करें। तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित करने से भी सूर्य भगवान की कृपा रहती है। ध्यान रहे सूर्य भगवान की आराधना का सबसे उत्तम समय सुबह का होता है।

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सूर्य मंत्र -

ॐ जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम।
तमो रि सर्वपषपघ्नं सूर्यमषवषह्याम्यहम।

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।।

ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य श्रीं ओम्।

ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्न सूर्य: प्रचोदयात्।

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अन्य सूर्य मंत्र जिनके पाठ से होता है अत्यंत लाभ....

ऊं घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।

(समाप्त)

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