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शनिदेव को प्रसन्न करने के सिद्ध मंत्र
-
आचार्य संज
य
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वैदिक शनि मंत्र:
ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
पौराणिक शनि मंत्र:
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
तांत्रिक शनि मंत्र:
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
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शनि स्तोत्र:
कोणस्थः पिंगलोबभ्रुः कृष्णो रौद्रोन्तको यमः। सौरिः शनैश्चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः।। एतानि दशनामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्। शनैश्चर कृता पीड़ा न कदाचिद्भविष्यति।।
इसके अलावा नित्य प्रातः शनिदेव के दस नामो का स्मरण करने से भी शनि की पीड़ा शांति होती है।
ॐ ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
ॐ शां शनैश्चराय नम:।
ॐ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभि टये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात्।
विशेष :
शनि मंत्र का जाप 8 बार किया जाता है
।
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