यह दूसरा प्रयोग शुक्ल में पक्ष करना चाहिए। एक पान का पत्ता लें। उस पर चंदन और केसर का चूर्ण मिला कर रखें। फिर दुर्गा जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चंडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें। पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगाएं और फिर तिलक लगा कर अपने जीवनसाथी के सामने जाएं। पान का पता रोज नया लें जो साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो। रोज प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें। 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें। शीघ्र समस्या का समाधान होगा । रिश्तों में निश्चित रूप से मिठास आएगी।