कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12 वें घर में उपस्थित हो तो मंगल दोष बनता है। इस दोष के कारण पति-पत्नी में सामंजस्य की कमी रहती है। एक-दूसरे से वैमनस्य रहता है। जीवनसाथी का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। आइए जानते हैं 7 सरलतम उपाय....
* लाल कपड़े में सौंफ बांधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए।
* ऐसा व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाए तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।
* बंधुजनों को मिठाई का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।
* लाल वस्त्र लेकर उसमें दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।
* बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।
* अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
* मंगल के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु मंगलवार का दिन, मंगल का नक्षत्र (मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) तथा मंगल की होरा शुभ होते हैं।
लाल किताब कहती है कि अगर कुंडली में मंगल दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्टी नहीं लगानी चाहिए। व्यक्ति को मिट्टी का खाली पात्र चलते पानी में प्रवाहित करना चाहिए। अगर आठवें खाने में मंगल पीड़ित है तो किसी विधवा स्त्री से आशीर्वाद लेना चाहिए। कन्या की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल है तो रोटी बनाते समय तवे पर ठंडे पानी के छींटे डालकर रोटी बनानी चाहिए।