मौनी अमावस्या 4 फरवरी को, कर डालें ये 10 उपाय, एक रात में ही धन के भरने लगेंगे भंडार
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मौन रहने का बड़ा महत्व है। व्रत रखने वालों को मौन रहते हुए व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। मौनी अमावस्या 4 फरवरी को है। इस अमावस्या के दिन कई तरह के प्रयोग, टोटके भी किए जाते हैं जिनसे जीवन की विभिन्न समस्याओं का समाधान होता है।
आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन किस परेशानी के लिए क्या उपाय किया जाना चाहिए।
सूर्य को अर्घ्य : मौनी अमावस्या के दिन सूर्य को अर्घ्य देने का बड़ा महत्व है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत हो जाएं और ठीक सूर्योदय के समय सूर्यदेव को ताजे जल से अर्घ्य दें। इससे दरिद्रता दूर होती है और धन का आगमन बढ़ता है।
घी का दीपक : मौनी अमावस्या के दिन सायं के समय तुलसी के पौधे के समीप घी का दीपक लगाएं और 108 परिक्रमा करें। इससे जीवन में सात्विकता आने के साथ ही समस्त प्रकार के संकटों का नाश होता है।
गाय को दही और चावल : जिन लोगों की जन्मकुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है। वे मौनी अमावस्या के दिन गाय को दही और चावल खिलाएं। इससे मानसिक शांति प्राप्त होने के साथ चंद्र से जुड़े दोष समाप्त होते हैं।
चांदी के नाग-नागिन : मौनी अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करें और सफेद पुष्पों के साथ इसे बहते जल में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष, सर्प दोष आदि से मुक्ति मिलती है।
दक्षिणमुखी शंख : अमावस्या के दिन थोड़े से चावल को केसर से रंगकर दिव्य या दक्षिण मुखी शंख में डालें। घी का दीपक जलाकर कमलगट्टे की माला से महालक्ष्मी के मंत्र ओम श्रीं का 11 माला जाप करें। इससे धन के भंडार भर जाएंगे।
चींटी, मछली, पंछी को आहार : मौनी अमावस्या के दिन चीटियों को शक्कर मिला आटा खिलाएं। मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं और पक्षियों के लिए दाना-पानी का इंतजाम करने से धन की कमी नहीं रहती।
महामृत्युंजय मंत्र : मौनी अमावस्या के दिन 1008 महामृत्युंजय मंत्र के जाप करते हुए भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होने के साथ आर्थिक संकटों का समाधान होता है। अविवाहितों के विवाह मार्ग प्रशस्त होता है।
अपंगों और अशक्तों को भोजन : इस अमावस्या के दिन राहु, केतु और शनि की शांति के उपाय भी किए जाते हैं। इसके लिए शनि मंदिर के बाहर बैठे भिखारियों, अपंगों, अशक्तों और गरीबों को वस्त्र, भोजन भेंट करें। इससे दूषित ग्रहों की शांति होती है।
तर्पण, पिंडदान : यदि आपकी जन्मकुंडली में कालसर्प दोष बना हुआ है या पितृ दोष है तो किसी पवित्र नदी के किनारे योग्य पंडित से पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करवाएं। दोष शांत होंगे।
दीपक में केसर : मौनी अमावस्या के दिन शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का प्रयोग करें। संभव हो तो दीपक में केसर की एक-दो पत्तियां डाल दें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर में धन का आगमन बढ़ता है।
सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग - इस बार मौनी अमावस्या सोमवार को आ रही है इसलिए सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग भी बन रहा है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से अविवाहितों के विवाह की बाधा दूर होती है।