Rules of chanting mantras: मंत्र का एक अर्थ है मन को एक तंत्र में लाना और दूसरा यह कि देवताओं या मानसिक शक्तियों को जगाना। प्रत्येक देवी या देवता का एक मंत्र होता है जिसके द्वारा उनसे संपर्क किया जा सकता है या जिसके द्वारा हम अपनी मनोकामना उन्हें बता सकते हैं। हालांकि मंत्रों को जपते समय यदि 5 बातों का ध्यान रखेंगे तो जल्दी से सफलता मिलेगी।
1. मंत्र-साधना में विशेष ध्यान देने वाली बात है- मंत्र का सही उच्चारण।
2. जिस मंत्र का जप अथवा अनुष्ठान करना है, उसका अर्घ्य और संकल्प पहले से लेना चाहिए।
3. मंत्र सिद्धि के लिए आवश्यक है कि मंत्र को गुप्त रखा जाए। प्रतिदिन के जप से ही सिद्धि होती है।
4. प्रत्येक मंत्र की जप संख्या में निश्चित होती है। उसके अनुसार ही उसका जप करना चाहिए।
5. मंत्र जप करते वक्त शरीर, वस्त्र और स्थान की शुद्धता और पवित्रता का ध्यान अवश्य रखें।
मान्यता अनुसार मंत्र सिद्ध होने पर होते हैं 4 फायदे :
1. मंत्र से किसी देवी या देवता को साधा जाता है, मंत्र से किसी भूत या पिशाच को भी साधा जाता है और मंत्र से किसी यक्षिणी और यक्ष को भी साधा जाता है। मंत्र जब सिद्ध हो जाता है तो उक्त मंत्र को मात्र तीन बार पढ़ने पर संबंधित मंत्र से जुड़े देवी, देवता या अन्य कोई आपकी मदद के लिए उपस्थित हो जाते हैं। अंत में मंत्र जिन्न के उस चिराग की तरह है जिसे रगड़ने पर उक्त मंत्र से जुड़े देवता सक्रिय हो जाते हैं। मंत्र एक प्रकार से मोबाइल के नंबरों की तरह कार्य करता है।
2. ऐसे भी कई मंत्र होते हैं जिनमें किसी बाधा को दूर करने की क्षमता होता है तो उन्हें जपने से वे बाधाएं दूर हो जाती है। 'मंत्र साधना' भौतिक बाधाओं का आध्यात्मिक उपचार है। यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या या बाधा है तो उस समस्या को मंत्र जप के माध्यम से हल कर सकते हैं।
3. मंत्र के द्वारा हम खुद के मन या मस्तिष्क को बुरे विचारों से दूर रखकर उसे नए और अच्छे विचारों में बदल सकते हैं। लगातार अच्छी भावना और विचारों में रत रहने से जीवन में हो रही बुरी घटनाएं रुक जाती है और अच्छी घटनाएं होने लगती है।
4. यदि आप सात्विक रूप से निश्चित समय और निश्चित स्थान पर बैठक मंत्र प्रतिदिन मंत्र का जप करते हैं तो आपके मन में आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही आपमें आशावादी दृष्टिकोण भी विकसित होता है जो कि जीवन के लिए जरूरी है।