- आचार्य संजय
बृहस्पति को देवों के गुरु की उपाधि प्रदान की गई है। देवपूज्य बृहस्पति या गुरु दार्शनिक, आध्यात्मिक ज्ञान को निर्देशित करने वाला उत्तम ग्रह माना गया है। सूर्य के बाद सबसे विशाल ग्रह भी बृहस्पति ही है। बृहस्पति की कल्पना एक वृहदकाय और मिष्ठान प्रिय पुरुष की है।
अध्ययन बताते हैं कि बृहस्पति महादशा, अन्तर्दशा अथवा प्रत्युंतर के दौरान जातक गरिष्ठ भोजन, श्रम की कमी और मानसिक तनाव से मोटापे से ग्रस्त होते हैं। इसलिए इन्हें खानपान में खास ध्यान देना चाहिए।