कुंभ
यदि आपका जन्म 20 जनवरी से 18 फरवरी के बीच हुआ है तो सूर्य राशि के अनुसार आपकी राशि कुंभ है। लग्न भाव में शनि का गोचर सप्तम भाव पर दृष्टि डाल रहा है जो साझेदारी के व्यापार और दांपत्य जीवन के लिए सही नहीं माना जाता है। लेकिन पूरे वर्ष बृहस्पति का भ्रमण तीसरे और चौथे भाव में होगा जिसके चलते आपको मदद मिलेगी। राहु अष्टम भाव में और केतु दूसरे भाव में रहकर परेशानी खड़ी करेगा। यानी इस वर्ष परिश्रम से ही सफलता प्राप्त होगी। यदि आप आचरण शुद्ध रखकर कार्य करते हैं तो सफलता अवश्य मिलेगी। अन्यथा नौकरी, व्यापार, करियर या शिक्षा में समय सामान्य ही रहने वाला है। हालांकि बृहस्पति के कारण व्यापार में वृद्धि के योग बनेंगे और भाग्य में वृद्धि होगी। आपकी पदोन्नति रुकी हुई है तो इस अवधि में पदोन्नति मिलने की संभावना प्रबल है। देव गुरु बृहस्पति आपके तीसरे भाव में रहकर आपके वैवाहिक जीवन में भी सुधार करेंगे। वर्ष के मध्य में जब वे चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे, तब पारिवारिक संबंधों में और सुधार होगा। सुख और सुविधाओं का विस्तार होगा। हालांकि प्रेम संबंधों को लेकर यह वर्ष सामान्य ही बना रहने वाला है। अविवाहित हैं तो विवाह तय होने की संभावना है। विवाहित हैं तो संतान पक्ष की ओर से चिंता का समाधान होगा। देव गुरु बृहस्पति वर्ष के मध्य तक आपके तीसरे भाव में रहकर आपकी आमदनी में बढ़ोतरी का कारण बनेंगे। आपको बचत पर ध्यान देकर इस अवधि में धन का व्यय करने से बचना चाहिए। स्थाई संपत्ति के विस्तार का योग साकार होगा। आर्थिक स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर होगी। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह वर्ष सामान्य रहने वाला है। आप अपनी ओर से कोई ऐसा काम न करें जो आपको बीमार बना दे। राहु अष्टम भाव में और केतु दूसरे भाव में रहकर सेहत बिगाड़ सकते हैं। जिसके चलते भोजन में अरुचि, डायबिटीज, जोड़ों की तकलीफ, गैस अपच, तनाव आदि जैसी व्याधि उभर सकती है। यदि आप नौकरीपेशा हैं, व्यापारी हैं या अभी पढ़ाई कर रहे हैं और करियर बनाने में लगे हैं तो आपकी राशि के स्वामी शनि देव आपकी कुंडली के प्रथम भाव में रहकर तीसरे, सप्तम भाव और दशम भाव पर दृष्टि डालेंगे तब आपके कार्यक्षेत्र में उन्नति करेंगी। नौकरी में पदोन्नति के योग भी बनेंगे। आपको घमंड से बचकर वाणी पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मियों का सहयोग आपके साथ रहेगा। अगस्त के बाद ही नौकरी बदलने का विचार करें। राहु अष्टम भाव में और केतु दूसरे भाव में रहकर परेशानी खड़ी करेगा। पूरे वर्ष बृहस्पति का भ्रमण तीसरे और चौथे भाव में होगा जिसके चलते आपको मदद मिलेगी। आपके लग्न भाव में शनि का गोचर सप्तम भाव पर दृष्टि डाल रहा है जो साझेदारी के व्यापार और दांपत्य जीवन के लिए सही नहीं माना जाता है। हालांकि बृहस्पति के कारण व्यापार में वृद्धि के योग बनेंगे और भाग्य में वृद्धि होगी। वर्ष 2024 में व्यापार की शुरुआत अच्छी रहेगी। शनि की सप्तम भाव पर रहेगी और सप्तम भाव के स्वामी सूर्य एकादश भाव में दशमेश मंगल के साथ स्थित होकर विराजमान रहेंगे तथा देव गुरु बृहस्पति मई माह में आपके तीसरे भाव में रहकर आपके सप्तम भाव, नवम भाव और एकादश भाव को देखेंगे। इससे आपका भाग्य प्रबल हो जाएगा। यदि साझेदारी का व्यापार नहीं है तो उन्नति होगी और चार गुना मुनाफा कमाएंगे। व्यापार के लिए यह वर्ष आपके लिए श्रेष्ठ है। कुंभ राशि के छात्रों के लिए वर्ष की शुरुआत कमजोर रहने वाली है। शनि के कारण पढ़ाई में मन कम लगेगा। वर्ष के मध्य में पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित होगा। मेहनत करते रहेंगे तो सफलता मिलेगी। बृहस्पति के सहयोग से आप प्रतियोगिता की परीक्षा में सफल होंगे। वर्ष के अंत में पुन: शिक्षा में व्यवधान उत्पन्न होगा। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने के योग बन सकते हैं। कुंभ राशि वाले प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़े या शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें। शनिवार के दिन शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं और हनुमान जी को दीपक लगाएं। गुरुवार के दिन पीली वस्तुओं का दान करें या गुरुवार का उपवास करें।