मीन
यदि आपका जन्म 19 फरवरी से 20 मार्च के बीच हुआ है तो सूर्य राशि के अनुसार आपकी राशि मीन है। इस वर्ष बृहस्पति का भ्रमण दूसरे और तीसरे भाव में शुभ फलदायी रहेगा। आपकी राशि पर साढ़ेसाती चल रही है। यदि जन्म का शनि शुभ है तो शुभ होगा। राहु भी आपको मदद करेगा। छुटपुट समस्याएं चलती रहेगी। यदि आप अपने आचरण अच्छे रखते हैं तो शनि का बुरा प्रभाव आप पर नहीं होगा और तब नौकरी एवं व्यापार में शनि लाभ देगा। बृहस्पति तीसरे भाव में जाकर व्यापार में बढ़ोतरी करेगा। मंगल की दृष्टि पंचम भाव पर होने से शिक्षा में आपको कड़ी मेहनत करना होगी। प्रतियोगी परीक्षा में भाग्य आजमा सकते हैं। वर्ष की शुरुआत में दूसरे भाव का बृहस्पति परिवार में आपसी सामंजस्यता बिठाने का कार्य करेगा। आपकी वाणी को सुधारेगा और रिश्ते में प्रेम बढ़ाएगा। वैवाहिक संबंधों में सुधार का योग बनेगा। आपके भाग्य की वृद्धि होगी। राहु के प्रथम भाव में और केतु का सप्तम भाव में गोचर बना रहने से वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थितियां बनती रहेंगी। मंगल की पंचम पर दृष्टि होने से संतान को समस्या हो सकती है। लंबी पारिवारिक यात्रा के योग हैं। हालांकि इस वर्ष घरेलू जिम्मेदारी बढ़ सकती है, वृद्ध, वरिष्ठजनों की देखभाल के लिए भी समय देना पड़ सकता है। वर्ष की शुरुआत में दूसरे भाव का बृहस्पति धन संबंधी आपकी समस्या को दूर करेगा। हालांकि शनि महाराज पूरे वर्ष द्वादश भाव में बने रहने से आपको अपने खर्चों पर ध्यान देना होगा क्योंकि कोई न कोई खर्च पूरे वर्ष लगा रहने वाला है। स्थाई संपत्ति में इस वर्ष कुछ बढ़ोतरी अवश्य होगी, पुरानी संपत्ति की खरीद या बिक्री होने का योग है। आमदनी में बढ़ोतरी होगी। स्वास्थ्य को लेकर आपको उतार-चढ़ाव की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। आंखों में समस्या या पैरों में दर्द, जैसी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। जीवनसाथी की सेहत का ध्यान रखना होगा। पित्त विकार, उदर पीड़ा, छाले आदि संभावित हैं। अच्छा भोजन करने और अच्छी दिनचर्या अपनाने से लाभ होगा। मीन राशि वालों आपकी राशि पर साढ़े साती चल रही है। यदि जन्म का शनि शुभ है तो शुभ होगा। यदि आप अपने आचरण अच्छे रखते हैं तो शनि का बुरा प्रभाव आप पर नहीं होगा और तब नौकरी एवं व्यापार में शनि लाभ देगा। इस वर्ष बृहस्पति का भ्रमण दूसरे और तीसरे भाव में शुभ फलदायी रहेगा। राहु भी आपको मदद करेगा। वर्ष की शुरुआत में मंगल और सूर्य के दशम भाव में रहने से करियर और नौकरी मे अद्भुत सफलता मिलेगी। नौकरी में वरिष्ठ अधिकारी भी आप से संतुष्ट नज़र आएंगे। देव गुरु बृहस्पति वर्ष की शुरुआत से आपके दूसरे भाव में रहकर आपके दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे और छठे भाव को भी देखेंगे। इससे नौकरी पदोन्नति के योग बनेंगे। काम के सिलसिले में विदेश जाने का मौका मिल सकता है। आपके लिए सलाह है कि कहासुनी से बचें और वाणी पर नियंत्रण रखें। मंगल की दृष्टि पंचम भाव पर रहने से शिक्षा में व्यवधानों उत्पन्न हो सकता है, लेकिन फिर भी आप यदि मेहनत जारी रखते हैं तो सफल होंगे। शनि ग्रह की 12वें और छठे भाव पर दृष्टि होने से और बृहस्पति की दृष्टि छठे भाव पर होने से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को लाभ मिलेगा। यदि आप मंगल के उपाय करते हैं तो शिक्षा में आ रही रुकावटें दूर होगी। मंगल की दृष्टि पंचम भाव पर होने से शिक्षा में आपको कड़ी मेहनत करना होगी। प्रतियोगी परीक्षा में भाग्य आजमा सकते हैं। वर्ष 2024 की शुरुआत में साझेदारी के व्यापार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा, क्योंकि सप्तम भाव में केतु के होने से साझेदार आपसी विश्वास में कमी आ जाएगी। यदि आपका खुद का व्यापार है तो जब देव गुरु बृहस्पति आप के तीसरे भाव में आकर सप्तम भाव पर दृष्टि डालेंगे और वहां से वह आपके भाग्य स्थान और आपके एकादश भाव को भी देखेंगे, तो यह ग्रह स्थिति आपके लिए बड़ी ही अनुकूल साबित होगी। इससे आपको बहुत लाभ होने वाला है। इस दौरान आपको अपने व्यापार में विस्तार करने का मौका भी मिल सकता है। बृहस्पति तीसरे भाव में जाकर व्यापार में बढ़ोतरी करेगा। मीन राशि वाले जातकों को चाहिए कि वे इस वर्ष शनि ग्रह की शांति के लिए शनिवार को हनुमान जी के समक्ष तेल का दीपक जलाते रहें। चीटियों और मछलियों को आटा-शकर खिलाते रहें। ज्योतिष की सलाह से गोमेद धारण करना लाभकारी होगा।