Sarva Pitru Amavasya Solar Eclipse 2025: हिंदू धर्म के अनुसार श्राद्ध कर्म का समय पितृ पक्ष के अलाव अमावस्या तिथि, ग्रहण योग, सक्रांति काल, मन्वन्तर, कल्प एवं युग प्रारंभ तिथियां, व्यतिपात योग, वैधृति योग,सम्पात दिवस और अक्षया तिथि पर कर सकते हैं श्राद्ध कर्म। इस बार पितृपक्ष में सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण का योग भी है। ऐसे में श्राद्ध कर्म करना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन तिथि विशेष में यह ग्रहण जरूर रहेगा।
सूर्य ग्रहण और सर्वपितृ अमावस्या का संयोग श्राद्ध कर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह एक दुर्लभ और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष अवसर होता है। इस दौरान श्राद्ध कर्म करने से पितरों को तृप्ति मिलेगी और जातक को पुण्य फल की प्राप्ति होगी। मान्यता है कि इस संयोग में श्राद्ध करने से सामान्य समय की तुलना में दोगुना या अधिक फल प्राप्त होता है।