1. मिथुन राशि: आपकी राशि के लिए गुरु का वक्री होना बेहद शुभ माना जा रहा है। आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के योग बन रहे हैं। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। नौकरीपेशा है तो प्रमोशन के साथ वेतनवृद्धि के योग हैं। करियर में सफलता मिलेगी। व्यापारी हैं तो लाभ होगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। धन-संपत्ति प्राप्त होने के योग बनेंगे। जीवनसाथी के साथ संबंधों में सुधार होगा।
2. कर्क राशि: ज्योतिष मान्यता के अनुसार कर्क राशि के लिए गुरु का वक्री होना फलदायी माना जा रहा है। आपकी कुंडल के ग्यारहवें भाव में बृहस्पति वक्री होने जा रहे हैं। यह भाव लाभ, आय और धन-संपत्ति का भाव होने के कारण आपके जीवन में अचानक से धन-दौलत एवं संपत्ति में बढ़ोतरी होगी। इसी के साथ ही आपको भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा। इस भाव से बृहस्पति की दृष्टी दूसरे, पांचवें और सातवें भाव पर रहेगी। पारिवारिक सुख बढ़ेगा, संतान की और से सुखद समाचार मिलेगा। जीवनसाथी के साथ संबंध अच्छे रहेंगे। लंबे समय से अटके कार्य पूर्ण होंगे। आपकी मनोकामनापूर्ण होगी। नौकरी में पदोन्नति, व्यापर में उन्नति और करियर में सफलता मिलेगी। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं।
3. धनु राशि : आपकी राशि के लिए गुरु का छठे भाव में वक्री होना लाभदायक है। इसके चलते करियर और नौकरी में उच्च उन्नति प्राप्त करेंगे। व्यापार में नए अवसर प्राप्त होंगे। अचानक से धनलाभ होगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। लंबी यात्रा के योग भी बन रहे हैं। आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। वाद विवाद का निपटारा होगा। मेहनत का फल मिलेगा। गुरु की वक्री अवस्था आपको जीवन के हर दुख और कष्ट से छुटकारा दिलाएगी।
4. मकर राशि : आपकी राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति का छठे भाव में गोचर होने जा रहा है। इसके कारण अचानक से धन लाभ होगा। हो सकता है कि पैतृक संपत्ति से लाभ हो सकता है। नौकरीपेशा हैं तो कार्यक्षेत्र में मान सम्मान मिलेगा और पदोन्नति होगी। व्यापार में भी तगड़ा मुनाफा होगा। घर परिवार में खुशियां रहेगी।