guru uday ka fal 2025: इस वक्त बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में अतिचारी गोचर कर रहे हैं। बृहस्पति ग्रह पीछले माह 09 जून 2025 को मिथुन राशि में अस्त हो गए थे जो अब 09 जुलाई 2025 की रात 10 बजकर 50 मिनट पर उदित हो रहे हैं। बृहस्पति के उदय होने से 12 राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? जानिए आपकी राशि कौनसी है।
1. मेष राशि: आपकी कुंडली में नवम तथा द्वादश भाव के स्वामी गुरु का तीसरे भाव में उदित हो रहा है। इसके चलते यदि आत्मविश्वास है तो कार्यक्षेत्र में भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा। यात्राओं का लाभ ले पाएंगे। विदेश से संबंधित मामलों में कुछ सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। भाई बहन और मित्रों के साथ संबंधों को बनाए रखने की जरूरत है।
2. वृषभ राशि: आपकी कुंडली के आठवें तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध का दूसरे भाव में उदय हो रहा है। यह धन का भाव है। ऐसे में धन संबंधी आपकी समस्याओं का समाधान होगा। आपकी आमदनी में यदि किसी प्रकार की कोई रुकावट आ रही थी, तो अब वह दूर होगी। घर परिवार में चली आ रही समस्याएं दूर होगी। नौकरी और व्यापार में इनकम में बढ़ोतरी होगी। निवेश से भी लाभ होगा।
3. मिथुन राशि: आपकी कुंडली के सप्तम और कर्म भाव के स्वामी का आपके लग्न भाव यानी प्रथम भाव में उदय होगा। इससे यदि नौकरी नहीं होगी तो मिलने के चांस बढ़ जाएंगे। नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति के योग बनेंगे। कारोबारी हैं तो मुनाफा कमाने में सफल होंगे। विवाह के संबंध में चल रही बातें आगे बढ़ सकती है। दांपत्य जीवन की परेशानी दूर हो सकती है।
4. कर्क राशि: आपकी कुंडली में छठे तथा नवम भाव के स्वामी का आपके द्वादश भाव में उदय हो रहा है। इसके चलते मिलेजुले परिणाम होंगे। ऐसी स्थिति में आपके खर्च बढ़ सकते हैं। आपके शत्रु सक्रिय हो सकते हैं। वाद विवाद से दूर रहें। नौकरी में काम पर ही फोकस रखें। कर्ज लेने से फिलहाल बचें। हालांकि आपको भाग्य का साथ मिलेगा।
5. सिंह राशि: आपकी कुंडली के पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी का लाभ यानी एकादश भाव में उदित होगा। ऐसे में, आपको लाभ होगा यानी काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। छात्रों का मन पढ़ाई में अधिक लग सकता है। प्रेम प्रसंग में भी अच्छा माहौल रहेगा। सभी तरह के रिश्तों में मजबूती देखने को मिलेगी। खासकर ससुराल पक्ष से रिश्ता मजबूत होगा।
6. कन्या राशि: आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी का दशम भाव में उदय हो रहा है। यह अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। इसके मिलेजुले परिणाम मिल सकते हैं। वाणी पर कंट्रोल रखें अन्यथा मानहानि हो सकती है। नौकरी में सतर्कता से कार्य करें। व्यापार में कुछ रुकावट हो सकती है। हालांकि घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में सुधार आ सकता है।
7. तुला राशि: आपकी कुंडली के तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी बृहस्पति का आपके भाग्य भाव में उदय होगा। भाग्य भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। आप धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। संतान से संबंधित मामले में खुशखबरी मिल सकती है। आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा।। पड़ोसियों के साथ आपके रिश्तों में सुधरेंगे। पिता, दादा या इनके समान व्यक्तियों का सहयोग आपको मिलेगा। इसी के साथ ही कार्यक्षेत्र में भाग्य का साथ मिलेगा।
8. वृश्चिक राशि: आपकी कुंडली के दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी का आठवें भाव में उदय हो रहा है। आठवें भाव में गोचर को शुभ माना नहीं जा सकता है। अपनी सेहत का ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र और अन्य कार्यो में कुछ रुकावटें या अड़चने आ सकती है। संतान पक्ष के साथ चल रही समस्याएं अब दूर होंगी। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। व्यर्थ के खर्चों पर लगाम लगाएं।
9. धनु राशि: आपकी कुंडली में लग्न और चौथे भाव के स्वामी गुरु का सातवें भाव में उदय हो रहा है। इसके चलते सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। सेहत का ध्यान रखना होगा। हालांकि घर में चल रही समस्याओं का समाधान होगा। भूमि से संबंधित मामले में सफलता मिलेगी। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। धन संबंधी समस्या का भी समाधान होगा।
10. मकर राशि: आपकी कुंडली के तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी गुरु का छठे भाव में उदय होगा। इसके चलते मिलेजुले परिणाम प्राप्त होंगे। संतान के साथ छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं। यात्राओं से सुख मिलेगा। नौकरी में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे, लेकिन व्यापार में मिलेजुले परिणाम देखने को मिलेंगे। घर परिवार में माहौल अच्छा रहेगा।
11. कुंभ राशि: आपकी कुंडली के दूसरे तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी गुरु का पंचम भाव में उदय होने जा रहा है। इसके चलते शिक्षक, विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आमदानी में बढ़ोतरी हो सकती है। उधार दिया हुआ पैसा वापस मिल सकता है। घर परिवार में भी माहौल अच्छा रहेगा।
12. मीन राशि: आपकी कुंडली के लग्न तथा दशम यानी कर्म स्थान के स्वामी गुरु का चौथे भाव गोचर हो रहा है। यह गोचर शुभ माना जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप आपकी सुख सुविधाओं में विस्तार होगा। मान सम्मान में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में आप उन्नति करेंगे। हालांकि माता को लेकर भी कुछ चिंताएं रह सकती हैं और इन सब कारणों से मन तनावग्रस्त रह सकता है।ु