डॉ. हरीश कुमार

छुट्टियां होती है तो हमारा मन यात्रा को जाने के लिए लालायित हो जाता है। आदमी का मन लगातार एक जैसी चीजें करने का आदी नहीं है, इसलिए उसे नई जगह पर जाना भाता...
प्रकृति ने हमारे शरीर का ढांचा इस प्रकार बनाया है कि वह हमेशा आगे बढ़ने के लिए ही हमें प्रेरित करता है। हमारे पैर आगे की ओर बने हुए हैं। हमारी बाहें हैं,
हिन्दी दिवस एक बार फिर आ गया है। हिन्दी के चलन-प्रचलन को लेकर सुझाव, चिंताओं और चिंतनों पर कार्यक्रम, आयोजन और वही सब पारंपरिक बातें। खैर, इस विषय पर ज्यादा...