इंदु पाराशर

बाल साहित्यकार एवं वामा साहित्य मंच की सचिव
Gandhi Jayanti 2023 Poem : भारतमाता, अंधियारे की, काली चादर में लिपटी थी। थी, पराधीनता की बेड़ी, उनके पैरों से, चिपटी थी। था हृदय दग्ध, धू-धू करके, उसमें,...