ऋतुपर्ण दवे

आखिर में तो अदालतों ने भी हत्या के मुकदमें तक की चेतावनी दे दी। लेकिन देश चरणबध्द तरीके से हो रहे चुनावों खासकर बंगाल को लेकर अजीब सी रस्साकशी और शब्द...
जब दोबारा इसने 18 वें दिन 22 अप्रेल को दूसरी सफल उड़ान भरी जो 51.9 सेकेण्ड में 16 फीट की ऊंचाई की थी तो विश्वास हो गया कि भविष्य में भी सफलता तय है। अब...
अब इसे चाहे बहुरूपिया कहें, नया यूके वैरिएंट कहें, डबल म्यूटेशन वाला कहें या फिर सीधे शब्दों में इंसान की तासीर को भांप चकमा दे-देकर नए-नए तरीकों से सांसों...
हिन्दू नव वर्ष का आरंभ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को शक्ति-भक्ति की उपासना, चैत्र नवरात्रि से होता है। पंचाग रचना का भी यही दिन माना जाता है। महान गणितज्ञ...
कोरोनाग्रस्त इंसान बदहाल हो जाता है….पता है, फेफड़े धीरे-धीरे काम करना बन्द कर देते हैं… यह भी पता है, कोरोना पीड़ित को सांस ले पाने में तकलीफ होती है…...
दुनिया भर में प्रकृति और पर्यावरण को लेकर जितनी चिंता वैश्विक सगंठनों की बड़ी-बड़ी बैठकों में दिखती है, उतनी धरातल पर कभी उतरती दिखी नहीं। इस बात से इंकार...
आलम कुछ ऐसा जैसे डरा, सहमा कोरोना खुद ही भारत को अलविदा कह गया..!! समूचे देश में निश्चिंतता ऐसी बनी जिसमें कोरोना को लेकर भ्रम कम और भरोसा ज्यादा था। काश...
म प्रकृति को इतना मजबूर करते जा रहे हैं कि कहीं उसकी नेमत मजबूर हो बद्दुआ में न बदलने लगे. इशारों को भी समझने की कोशिश नहीं की है कभी। सूखा, बाढ़, सैलाब,...
ममता बनर्जी जिस तरह से चोटिल हुई वह अपने आप में चर्चित हो सकता है लेकिन दूसरी पार्टियों ने तुरंत उनके स्वास्थ्य के सुधार की कामना किए बिना ही सीधे नाटक,...
दुनिया के कई देशों में पहले ही कोरोना की दूसरी और कहीं-कहीं इसके बाद की भी लहरें दिखने लगी हैं। भारत में भी विशेषज्ञ लगातार चेता रहे थे। लेकिन हम हैं कि...
आज लिखते समय अहमदाबाद की आयशा का बनाया वीडियो बार-बार सामने कौंध रहा था। उसके आखिरी में कहे एक-एक शब्द सवालों की बौछार कर रहे हैं। आयशा के सच ने न केवल...
हकीकत भी यही है कि ‘दुनिया मेरी मुट्ठी में’ का असल सपना Internet ने ही पूरा किया। लेकिन अब बड़ा सच यह भी है कि इस सेवा का जरिया बने यूजर्स से ही कमाई कर...
16 फरवरी की अल सुबह सवारियों से भरी तेज रफ्तार बस द्वारा नहर पर ही ट्रक को ओवरटेक करने की जल्दी में जरा सा संतुलन बिगड़ा और देखते ही देखते चन्द सेकेण्डों...
अब इसे त्रासदी कहें या हादसा या फिर आप बुलाई आपदा जो भी, लेकिन सच यही है कि 2013 में भी इसी उत्तराखण्ड की केदरानाथ त्रासदी की रोंगटे खड़ी कर देने वाली...
इस सब्सिडी के खत्म होने से लोकसभा सचिवालय को हर साल लगभग 8 से 10 करोड़ रुपये की बचत होगी। निश्चित रूप से तमाम सुविधाभोगी और एक ही कार्यकाल में उम्र भर...
श्मशान में भी बेशर्म भ्रष्टाचार! सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन हकीकत यही है। इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे जब श्मशान में मृतक की अंत्येष्टि और...
साल भर में ही कोरोना के नए-नए रूप और प्रकार भी सामने आने लगे हैं। लोगों के सामने कोविड के असर, नए आकार-प्रकार और प्रभाव को लेकर निश्चित रूप से हर रोज नई-नई...
बदले हुए परिवेश (सामाजिक व राजनीतिक दोनों) में वाकई किसानों की हैसियत और रुतबा घटा है। किसान अन्नदाता जरूर है लेकिन उसकी पीड़ा बहुत गहरी है। जब अन्नदाता...
अब वजह कुछ भी हो, लेकिन किसानों की एकता ने देश में इस आन्दोलन को एक नया मंच और नई चेतना जरूर दे दी है। स्थिति कुल मिलाकर कुछ यूं होती जा रही है कि पांच...
चीन खुश होगा उसका भूतिया नाम दुनिया में गूंज रहा है, विश्व रिकॉर्ड बन लिया है। भले ही चीन इसे अपनी उपलब्धि कह ले लेकिन विश्व समुदाय में चीन की नीयत और...