जयति शर्मा

लेखिका, पत्रकारिता एवं जनसंचार की शिक्षिका है।
स्वयं गढ़ना है मुझे हाथों में अपनी सुरेखाएं,भूल कर अवसाद तय करना है प्रगति की दिशाएं, कामना है मन में और मस्तिष्क में वह तेज हो, मौन दृष्टि से हरा दूं बल...