राजीव रत्न पाराशर

लेखक भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में सेवाएं दे चुके हैं। इन दिनों कैलिफोर्निया में संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के लिए सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं।
चन्द्रमा के दर्शन पर, इफ्तार के आमंत्रण पर। तज़रीद के आवरण में, ज़ुहाद के वातावरण में।
भू-गणेश भुव: गणेश, गणेश तत्सवितुर हैं, अथ गणेश इति गणेश, गणेश कालचक्रधुर हैं। सत् गणेश चित गणेश, गणेश ही आनंद हैं, शत् गणेश शून्य गणेश, गणेश ही अनंत...