स्वाति 'सखी' जोशी

स्वतंत्र लेखिका, अनुवादक, सूत्र- संचालक पुणे
आयशा हारकर नदी की गोद में समा गई। उसकी हार में हम सभी शामिल हैं। समाज, सामाजिक व्यवस्था, घर, परिवार, शिक्षण संस्थाएं, परिवेश, संस्कार .... सभी। वे सभी...