उन्होंने कहा कि हम बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने जा रहे हैं। हम इलेक्ट्रिक वाहनों को उजाला की तरह ही आत्मनिर्भर बनाने जा रहे हैं। विचार यही है कि 2030 तक देश में एक भी पेट्रोल या डीजल कार नहीं बिकनी चाहिए। गोयल के अनुसार शुरू में सरकार दो-तीन साल इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की मदद कर सकती है ताकि यह स्थिर हो।
मारुति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की इस सबसे बड़ी कार कंपनी की शुरू में मदद की जिससे अंतत: देश में विशाल ऑटोमोटिव उद्योग की नींव पड़ी। मारुति ने इस बार 30 प्रतिशत से अधिक मुनाफा कमाया है। गोयल ने बाद में बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय व नीति आयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए एक नीति पर काम कर रहे हैं। लागत का ज्रिक करते हुए मंत्री ने कहा कि जब लोगों को लगेगा कि इलेक्ट्रिक वाहन लागत प्रभावी हैं, तभी वे उन्हें खरीदेंगे।