हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि उसने इस प्रवेश स्तर की कार का उत्पादन बंद करने के बारे में औपचारिक तौर पर कोई फैसला नहीं किया है। कभी नैनो को लोगों की कार कहा जाता था। कंपनी ने कहा है कि वह मांग के अनुरूप इस कार की बिक्री करती रहेगी।
टाटा मोटर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसने दिसंबर, 2018 में आखिरी बार नैनो का उत्पादन किया था। उस समय साणंद कारखाने से 82 नैनो बाहर आई थीं। बिक्री की बात की जाए, तो जनवरी से जून की अवधि में कंपनी सिर्फ फरवरी महीने में एक नैनो कार बेच पाई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी ने नैनो की बिक्री बंद करने का फैसला किया है, टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि अभी इस पर औपचारिक रूप से कोई निर्णय नहीं हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि हम मांग के अनुरूप इस कार की बिक्री कर रहे हैं। जनवरी से जून की अवधि में एक भी नैनो कार का निर्यात नहीं हुआ।
पूर्व में टाटा मोटर्स संकेत दे चुकी है कि वह अप्रैल, 2020 से नैनो का उत्पादन बंद कर देगी। कंपनी का इरादा भारत चरण छह उत्सर्जन नियमों को पूरा करने के लिए रतन टाटा की इस महत्वाकांक्षी कार में और निवेश करने का नहीं है।