संदीपसिंह सिसोदिया भारत में छोटी कारों के बढ़ते बाजार को देखते हुए अब बड़ी कार निर्माता कंपनियाँ भी छोटे मॉडल सड़कों पर उतारने लगी हैं। इसके मद्देनजर दुनिया की नामी ऑटो निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स ने शेवर्ले स्पार्क के बाद भारतीय कार बाजार में शेवर्ले बीट्स को लाँच किया है। वर्तमान में बाजार में बिकने वाली 20 लाख कारों में 78 प्रतिशत छोटी कारों का होता है।
Girish Srivastava
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4 लाख रुपए से कम कीमत की बीट्स को ह्युंदेई सेंट्रो, गेट्ज व आई-10, मारुति की ए-स्टार, रिट्ज व स्विफ्ट के मुकाबले बाजार में उतारा है। इसे तालेगाँव स्थित कारखाने में बनाया जा रहा है।
इंजिन क्षमता: 79 बीएचपी@6200 आरपीएम, 10.9 केजीएम@4400आरपीएम, 1200 सीसी के पेट्रोल इंजिन वाली इस कार में 5 स्पीड मैन्युअल गीयरबॉक्स है। कार का कुल वजन 1100 किलोग्राम है। इसका एक्सीलरेशन 0-100 kph - 14.86 सेकेंड है जो कि एक पेट्रोल इंजिन के लिए बेहतरीन परफार्मेंस है।
भारतीय कार बाजार में किसी भी कार का सफल होना काफी हद तक उसकी कीमत पर निर्भर करता है। भारतीय उपभोक्ता सयाना हो चुका है, अगर उत्पाद 'वेल्यु फॉर मनी' है तो उसे हाथों-हाथ लिया जाता है। इस मायने से इसके बेस मॉडल की कीमत 3.34 लाख और टॉप वेरियंट 3.94 लाख रुपए (दिल्ली, एक्स शो-रूम कीमत) काफी कॉम्पीटिटिव है। इसके अलावा बीट्स पर 36 माह या 100000 किमी. तक की वारंटी दी जा रही है। इसके डीजल मॉडल को भी इसी साल बाजार में उतारा जा सकता है।
हालाँकि कीमत कम करने से बीट्स में कुछ समझौता किया गया लगता है, जैसे ईपीएस (इलेक्टॉनिक पॉवर स्टियरिंग) की जगह पुराना हायड्रोलिक असिस्टेंस स्टियरिंग दिया है। पिछले दरवाजे को बंद करते समय खासी आवाज आती है जो इसके शानदार, आधुनिक लुक से बिलकुल भी मेल नहीं खाती।
अगर लुक्स को छोड़ दिया जाए तो शेवर्ले की बीट्स चलाने पर कुल मिलाकर एक 1200 सीसी के इंजिन वाली किसी भी अन्य पेट्रोल कार जैसी ही है। अन्य महत्वपूर्ण रोड टेस्ट जैसे टर्निंग-ट्रैफिक-पार्किंग में बीट्स ठीक-ठाक है। हाँ, यह उम्मीद की जा सकती है कि इसका दूसरा संस्करण शायद पहले से बेहतर होगा।
यूएसपी: बेहतरीन लुक, कम कीमत, शानदार इंटीरियर और शेवर्ले का ब्रांड।