पहले जीवन जीने के लिए तीन चीजें सबसे ज्यादा जरूरी मानी जाती थी - रोटी, कपड़ा और मकान। पिछले कुछ सालों में इसमें एक और वस्तु का इजाफा हुआ है। अब शहरों में रहने वाले अधिकतर लोग चाहते है रोटी, कपड़ा, मकान और कार। आज खुद की कार हर आदमी का सपना है। आधुनिक लाइफस्टाइल बिना खुद की कार लिए पूरी नहीं मानी जाती। इसे समाज में स्टेटस सिंबल समझा जाता है, किसी की कार देखकर भी उसकी हैसियत का अंदाजा लगाया जाता है।
जैसे-जैसे परिवार बढ़ता है वैसे ही कार की जरूरत भी बढ़ती है। अगर पहले से ही कार है तो लेटेस्ट मॉडल या उससे बड़ी कार की डिमांड आज कोई आश्चर्य की बात नहीं रह गई है। पर इस सारे मसले में जिस जानकारी का होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है वह है, कैसी हो आपकी कार।
उसमें ऐसा क्या हो जो आपकी या आपके परिवार की जरूरतों के मुताबिक हो। एक ऐसी कार जो आपकी लाइफस्टाइल को भी मैच करे और आपकी जेब पर भारी भी न पड़े। आखिर आप अपने गाढ़े पसीने की कमाई से अपना सपना पूरा कर रहे हैं तो कुछ तो जानकारी हासिल करना ही पड़ेगी।
आजकल युवा वर्ग कारों का सबसे बड़ा खरीददार माना जाता है तो जाहिर है कि बहुत सी कारें इसी वर्ग को ध्यान में रख कर डिजाइन की जाती है। वायब्रेंट कलर्स के ऑप्शन के साथ इन कारों की कीमत तो अपेक्षाकृत कम होती है पर फीचर्स लेटेस्ट होते है। मारुति की हाल में लाँच आल्टो के10, शेवर्ले की बीट तथा स्पार्क, ह्युंडे की सैंट्रो, आई10 टाटा की विस्टा सफायर, ज़ीटा तथा फोर्ड की फिगो जैसी कारें इसी वर्ग को ध्यान में रख कर बनाई गई है।
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इन कारों की कीमत 3 लाख से शुरू होती है। यह कारें पेट्रोल इंजिन वाली होती है जिनका रख-रखाव भी आसान और सस्ता है। छोटी होने की वजह से पार्किंग में आसानी और तंग जगहों में आराम से निकल जाने वाली कारें सिटी लाइफ के लिए बेहद उपयोगी है।
आमतौर पर छोटे परिवारों तथा नौकरीपेशा लोगों की पहली पसंद मारूति की कारें होती है। मारूति 800 अब तक की सबसे ज्यादा बेची गई कारों में से एक है। इसके बाद ऑल्टो, वैगन आर और जेन एस्टिलो इस वर्ग को खूब भाती हैं। अभी सबसे अच्छी रीसेल वेल्यू आज भी मारूति की है।
ह्युंडे की सैंट्रो, आई10 भी काफी लोकप्रिय कारें है। इसमें से अधिकतर कारें 1000 सीसी के अंदर होती है जिससे फ्यूल की खपत कम होती है। ड्रायवर सहित 4 से 5 लोग इन कारों में आराम से बैठ सकते हैं साथ ही जिन परिवारों के पास खुद का गैराज नहीं है या पार्किंग की जगह कम है उनके लिए छोटी कारें ही सर्वोत्तम विकल्प है क्योंकि इन कारों को कम जगह में भी पार्क किया जा सकता है।
मध्यम परिवारों के लिए थोड़ी बड़ी कार अधिक उपयुक्त रहती है। ज्यादा बूट स्पेस के साथ बड़ा आरामदायक केबिन कार में सफर को आसान बनाता है। मारूति की रिट्ज, स्विफ्ट तथा ह्युंडे की गेट्ज, आई20, टाटा मोटर्स की इंडिका विस्टा, होंडा जैज, फोर्ड की फिगो, फिएट पुंटो, स्कोडा फेबिया, शेवर्ले की युवीए इस श्रेणी के लिए सबसे बेहतर होती हैं। इनकी इंजिन क्षमता 1200 से 1500 सीसी के बीच होती है। फ्यूल की खपत भी बहुत अधिक नहीं होती और अगर इनके फुल लोडेड वेरिएंट लिए जाएँ तो यह कारें किसी लग्जरी कार से कम नहीं लगती। सबसे अच्छी बात है यह कारें पेट्रोल और डीजल दोनो की वर्जन में उपलब्ध हैं।
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इसके बाद आती है बड़ी कारें जिन्हे एंट्री लेवल सीडान कहा जाता है इस श्रेणी में टाटा की इंडिगो सीएस, इंडिगो, फोर्ड की ऑइकान आती है। इसके बाद मिड लेवल सीडान जिसमें शेवर्लें की ऑप्ट्रा, एवियो, स्कोडा फोर्ड की फिएस्टा, होंडा सिटी, टाटा मोटर्स की मांज़ा, ह्युंडे की वर्ना, मारूति की एसएक्स4, स्कोडा की लारा और फोक्सवेगन की गोल्फ। यह कारें सामाजिक प्रतिष्ठा में तो इजाफा करती ही है और ज्यादा रखरखाव भी नहीं माँगती। इनकी कीमत 6-7 लाख से शुरू होती है।
इस बार के लिए इतना ही। अगली किस्त में हम आपको बताएँगे मल्टी युटिलिटी व्हीकल, स्पोर्ट्स युटिलिटी व्हीकल और हाई क्लास सुपर सीडान के बारे में।
और हाँ सबसे महत्वपूर्ण बात कृपया कार चलाते समय सीट बेल्ट बाँधे रखे। सावधानी सुरक्षा का सबसे अच्छा उपाय है।