मध्य पूर्व में कितने ईसाई रहते हैं?

शनिवार, 29 अप्रैल 2017 (11:53 IST)
ईसाई धर्म की स्थापना से ही मध्य पूर्व में ईसाई लोग आबाद हैं। संख्या के लिहाज से वहां वे हमेशा अल्पसंख्यक ही रहे हैं और कई मुश्किलों के शिकार भी। लेकिन अब वे सबसे बड़ा संकट झेल रहे हैं।
 
खतरे में अस्तित्व
1400 साल पहले जब मुस्लिम सेनाएं मध्य पूर्व के पूरे इलाके में फैल गईं, तब भी ईसाई वहां जमे रहे। लेकिन अब जिहादियों और मुस्लिम कट्टरपंथियों के चलते क्षेत्र के कई देशों में ईसाइयों के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो रहा है। क्षेत्र में जब से आतंकवादी गुट इस्लामिक स्टेट मजबूत हुआ है, ईसाइयों के खिलाफ हमले बढ़ गए हैं।
 
मिस्र
ईसायत की कोप्टिक ऑर्थोडॉक्स शाखा से सबसे ज्यादा मानने वाले लोग मिस्र में रहते हैं। देश की 9.2 करोड़ की आबादी में उनकी हिस्सेदारी 10 फीसदी है। कोप्ट ईसाई मध्य पूर्व में रहने वाला सबसे बड़ा ईसाई समुदाय है। लेकिन सरकार में उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है और वे अकसर भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार होते हैं।
 
इराक
चाल्डिएन ईसाई सबसे ज्यादा इराक में रहते हैं। 2003 में सद्दाम हुसैन की सत्ता खत्म होने से पहले उनकी संख्या दस लाख से ज्यादा थी। इनमें से छह लाख लोग तो राजधानी बगदाद में रहते थे। अब इराक में उनकी संख्या साढ़े तीन लाख से भी कम बची है। देश में जारी हिंसा और संघर्ष से बचने के लिए बहुत से चाल्डिएन ईसाई इराक छोड़ चुके हैं।
 
सीरिया
सीरिया में रहने वाले ईसाइयों में ज्यादातर कैथोलिक और ऑर्थोडॉक्स ईसाई हैं। गृहयुद्ध शुरू होने से पहले देश की 2.2 करोड़ की आबादी में पांच से नौ प्रतिशत ईसाई थे। गृहयुद्ध के दौरान बहुत से चर्च तोड़े गए और बड़ी संख्या में ईसाई का कत्ल हुआ। अलैप्पो के चाल्डिएन बिशप एंटोनी ऑडो का कहना है कि सीरिया के 15 लाख ईसाइयों में से आधे लोगों ने देश छोड़ दिया है।
 
लेबनान
लेबनान में मैरोनाइट कैथोलिक्स और ग्रीक ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों की अच्छी खासी संख्या है। लेबनान में सत्ता साझेदारी डील के मुताबिक इस समय राष्ट्रपति पद पर एक ईसाई, प्रधानमंत्री पद पर एक सुन्नी मुसलमान और संसद के अध्यक्ष पद पर एक शिया मुसलमान है। लेबनान की 60 लाख से ज्यादा की आबादी में ईसाइयों की संख्या 40 फीसदी के आसपास है।
 
इसराइल
मुख्य तौर पर यहूदी देश इसराइल में रहने वाले ईसाइयों की संख्या 1.6 लाख है। इनमें से ज्यादातर अरब हैं और देश के उत्तरी हिस्से में रहते हैं। इस्राएल की आबादी में उनकी हिस्सेदारी दो प्रतिशत के आसपास है।
 
पश्चिमी तट
पश्चिमी तट और येरुशलम में विभिन्न समुदायों के लगभग 50 हजार ईसाई रहते हैं। मुख्य तौर पर ये लोग बेथलेहम और रामल्लाह में रहते हैं। बेतलेहम को ईसा मसीह का जन्म स्थान माना जाता है लेकिन अब वहां ईसाई अल्पसंख्यक बन गए हैं, लेकिन शहर की अर्थव्यवस्था अब भी उनकी पकड़ बनी हुई है।
 
गाजा पट्टी
गाजा पट्टी में ईसाइयों, मुख्य तौर पर ग्रीक ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों की संख्या तेजी से घट रही है। इस्लामी कट्टरपंथियों के बढ़ते हमलों ने उन्हें वहां से भागने को मजबूर किया है। गाजा पट्टी में कट्टरपंथी संगठन हमास का शासन है। इस्राएल के साथ उसके संघर्ष के हाल के सालों में कई बार तनावपूर्ण हालात पैदा हुए हैं।
 
जॉर्डन
जॉर्डन में रहने वाले ईसाइयों में ज्यादातर ग्रीक और रोमन ऑर्थोडॉक्स ईसाई हैं। देश की 95 लाख की आबादी में उनकी संख्या लगभग छह प्रतिशत है। वहां कई ईसाई सांसद है और कई सरकार और समाज में ऊंचे पदों तक पहुंचे हैं। हाल के सालों में जहां कई अरब देश उथल पुथल का शिकार रहे, वहीं जॉर्डन में शांति है।
(रिपोर्ट: एएफपी/एके)

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