हरियाणा के विधायक गोपाल कांडा: कभी निशाने पर थे अब बीजेपी के 'संकटमोचक'
शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019 (08:47 IST)
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए नतीजों की चर्चा के बीच देर रात गोपाल कांडा चर्चा में आ गए। एक वक़्त विवादों में रहे हरियाणा के पूर्व मंत्री कांडा का नाम सोशल मीडिया के टॉप ट्रेंड में आ गया।
गोपाल कांडा ने सिरसा से चुनाव जीता है। वो हरियाणा लोकहित पार्टी से मैदान में थे। उनके सुर्खियों में आने की वजह दरअसल हरियाणा विधानसभा में बने समीकरण हैं। महाराष्ट्र में तो भाजपा और शिवसेना के गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल गया लेकिन हरियाणा में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिल पाया।
हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं और बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है। पांच साल से सत्ता में बैठी बीजेपी 40 सीटें ही जीतने में कामयाब हो पाई है। ऐसे में उसे दोबारा सरकार बनाने के लिए छह और विधायकों की ज़रूरत है। बीजेपी को जिस नए विधायक ने सबसे पहले अपना समर्थन पेश किया है वो हैं गोपाल कांडा।
Delhi: Haryana Lokhit Party leader Gopal Kanda, winning candidate from Sirsa (Haryana) assembly constituency, leaves from the residence of BJP Working President, J P Nadda, after meeting him. Haryana Lokhit Party has secured 1 seat in #HaryanaAssemblyPollspic.twitter.com/hqCtLKwnaR
हरियाणा के सिरसा से बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल गुरुवार देर शाम गोपाल कांडा और रानियां से जीतने वाले निर्दलीय उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला को लेकर दिल्ली रवाना हो गई।
एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है, जिसमें गोपाल कांडा, रणजीत सिंह चौटाला और सुनीता दुग्गल कुछ अन्य लोगों के साथ एक प्राइवेट प्लेन में बैठे हैं। बताया जा रहा है कि वो इसी प्लेन में बैठकर दिल्ली आए।
समाचार एजेंसी एएनआई ने रात एक बजे के लगभग कुछ तस्वीरें पोस्ट की, जिसमें बताया गया कि गोपाल कांडा ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित घर पर उनसे मुलाक़ात की है। इन तस्वीरों में गोपाल कांडा एक कार में बैठकर कहीं जाते हुए दिख रहे हैं।
गोपाल कांडा को कथित तौर पर दिल्ली लाने वाली बीजेपी की सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा है कि उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह सूचना दे दी है कि कांडा सहित दूसरी पार्टियों के भी कुछ नेता बिना शर्त बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं और वो उनके संपर्क में हैं।
कौन हैं गोपाल कांडा?
हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) बनाने वाले गोपाल कांडा ने सिरसा विधानसभा सीट से महज़ 602 वोटों से जीत दर्ज की है।
वो साल 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत कर विधायक बने थे और उस समय हरियाणा की हुड्डा सरकार में उन्हें मंत्रिपद भी मिला था।
हरियाणा की राजनीति पर नज़र रखने वालों के मुताबिक गोपाल कांडा और उनके भाई गोविंद कांडा की गिनती प्रदेश की प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों में होती है।
गोपाल कांडा का नाम साल 2012 में तब चर्चा में आया था जब उनकी एयरलाइन कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी।
गीतिका ने पांच अगस्त 2012 को खुदकुशी की थी। उनका शव दिल्ली केअशोक विहार स्थित घर पर पंखे से लटका हुआ मिला था। अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने कथित रूप से गोपाल कांडा और उनकी कंपनी की एक कर्मचारी अरुणा चड्ढा का नाम लिया था।
जेल और ज़मानत
कांडा एमडीएलआर एयरलाइंस के मालिक थे, जहां गीतिका बतौर एयर होस्टेस काम करती थीं। कांडा ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया था और वो लगभग 10 दिन तक अंडरग्राउंड रहे थे। इसके बाद उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
गोपाल कांडा पर बलात्कार, आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश रचने जैसे तमाम आरोप लगे थे। इसी बीच उन्होंने हुड्डा सरकार से भी इस्तीफा दे दिया था।
गीतिका शर्मा की आत्महत्या के छह महीने बाद उनकी मां ने भी आत्महत्या कर ली थी और उन्होंने भी अपने सुसाइड नोट में कथित तौर पर कांडा का नाम लिया था।
गोपाल कांडा को लगभग 18 महीने जेल में रहना पड़ा था। बाद में मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पर लगे रेप के आरोप हटा लिए थे और उन्हें ज़मानत दे दी थी।
ज़मानत पर बाहर आने के बाद साल 2014 में ही गोपाल कांडा ने अपने भाई के साथ मिलकर हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन किया और उस समय के विधानसभा चुनाव भी लड़ा।
बीजेपी ने किया था विरोध प्रदर्शन
गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा ने भी एक न्यूज़ चैनल पर पुष्टि की है कि वो बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं। इसके बाद से ही गोपाल कांडा सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। लोग उनसे जुड़ी पुरानी तस्वीरें और गीतिका शर्मा की आत्महत्या की कहानी को साझा कर रहे हैं।
कई लोगों ने वो तस्वीर भी पोस्ट कर रहे हैं जिसमें बीजेपी नेता गीतिका शर्मा को न्याय दिलाने और गोपाल कांडा को गिरफ़्तार करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे।
इंडियन यूथ कांग्रेस के सोशल मीडिया इंचार्ज वैभव वालिया ने यही तस्वीर ट्वीट कर लिखा है, ''एक वक़्त था जब गोपाल कांडा बीजेपी के नेताओं के लिए सबसे नापसंद किए जाने वाले नेता थे। मुझे नहीं पता अब उन्हें गीतिका शर्मा को न्याय दिलाने की चिंता है या नहीं।''
कुमार विश्वास ने लिखा है, ''राजनीति "कांडों" और "कांडाओं" के हवाले थी, है और रहेगी।'' कृष्ण प्रताप सिंह ने लिखा है, ''बीजेपी रोज बोलती रहती है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ... और फिर हरियाणा में गोपाल कांडा से समर्थन भी ले लेते हैं।''
नरेंद्र नाथ मिश्रा ने तंज भरे लहज़े में लिखा है कि गोपाल कांडा को शायद महिला बाल विकास मंत्रालय मिल जाएगा।