IPL के बारे में जानिए वो सबकुछ जो आप शायद भूल गए होंगे

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रविवार, 19 सितम्बर 2021 (08:49 IST)
आदेश कुमार गुप्त, वरिष्ठ खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए

बीसीसीआई के अपने सबसे बड़े टूर्नामेंट आईपीएल के लिए इससे बड़ी ख़ुशख़बरी कोई नहीं हो सकती कि संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर में रविवार से शुरू होने जा रहे इस टी-20 टूर्नामेंट में सीमित संख्या में दर्शकों को भी स्टेडियम में आने की अनुमति होगी।
 
इस बार आईपीएल के बचे हुए मुक़ाबलों को लेकर सबकी दिलचस्पी इसलिए भी बढ़ी हुई होगी क्योंकि इसके बाद इन्हीं स्टेडियमों में 17 अक्तूबर से टी-20 विश्व कप खेला जाएगा।
 
भारत के कप्तान विराट कोहली ने कह दिया है कि टी-20 विश्व कप के बाद वह इस सीमित ओवर प्रारूप की कप्तानी छोड़ देंगे। ऐसे में सबकी नज़र उनकी कप्तानी पर भी रहेगी कि क्या वह अपनी कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को पहला ख़िताब दिला पाते हैं या नहीं?
 
इसके अलावा टी-20 में भारत के संभावित कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी पर भी सबकी पैनी नज़र रहेगी कि क्या वह मुंबई इंडियंस को छठी बार चैंपियन बना सकेंगे? और सबसे बड़ी बात, चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी आईपीएल में आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र रहेंगे क्योंकि आगामी टी-20 विश्व कप में वह भारतीय टीम के मेंटॉर होंगे। इसके अलावा टी-20 विश्व कप में खेलने वाले देसी-विदेशी खिलाड़ी अपने चयन को सही साबित करने के लिए जी-जान लगाते दिखेंगे।
 
साल 2019 के बाद पहली बार आईपीएल दर्शकों के सामने खेला जाएगा। आईपीएल के मुक़ाबले दुबई, शारजाह और अबुधाबी में खेले जाएंगे। इनमें कोविड-19 प्रोटोकॉल और संयुक्त अरब अमीरात सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए बैठने के लिए सीमित सीट उपलब्ध रहेगी।
 
साल 2020 में यानी पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में हुए आईपीएल में दर्शकों के बिना ही खिलाड़ी मैदान में उतरे थे। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार स्टेडियम की पचास प्रतिशत क्षमता तक दर्शकों को मैचों का लुत्फ़ लेने का मौक़ा मिल सकता है।
 
अभी अंक तालिका में कौन है आगे?
आईपीएल-14 में बदले हुए कार्यक्रम के अनुसार 30वां मैच चेन्नई सुपर किंग्स और पिछली चैंपियन मुंबई इंडियंस के बीच दुबई में खेला जाएगा।
 
इससे पहले आईपीएल-14 के 29 मुक़ाबले भारत में खेले गए। इनमें दिल्ली कैपिटल्स आठ मैचों में छह जीत, दो हार और बारह अंकों के साथ अंक तालिका में पहले स्थान पर थी। दूसरे पायदान पर चेन्नई सुपर किंग्स है जिसने सात में से पांच मैच जीते हैं, दो हारे हैं, और उसके दस अंक हैं।
 
कमोबेश रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने भी सात में से पांच मैच जीते हैं, दो हारे हैं, और उसके भी दस अंक हैं लेकिन कम रन औसत होने के कारण वह तीसरे नंबर पर है। चौथे स्थान पर मुंबई इंडियंस है जिसने सात में से चार मैच जीते हैं, तीन हारे हैं और उसके आठ अंक हैं।
 
बाकी टीमों में सात मैच में तीन जीत और बेहतर रन औसत के कारण छह अंकों के साथ राजस्थान रॉयल्स पांचवें, आठ मैच में तीन जीत और कम रन औसत के कारण छह अंकों के साथ ही पंजाब किंग्स छठे, सात मैच में दो जीत और चार अंकों के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स सातवें और सात मैच में केवल एक जीत और दो अंकों के साथ सनराइज़र्स हैदराबाद आठवें स्थान पर है।
 
कोरोना के चलते मैदान छोड़ गए थे खिलाड़ी
कमाल की बात है कि चार साल बाद टी-20 जैसे छोटे प्रारूप में वह भी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में वापसी करने वाले आर अश्विन ने आईपीएल-14 में भारत में कोविड-19 के बढ़ते हुए मामलों को देखकर दिल्ली कैपिटल्स को छोड़कर घर जाने का फ़ैसला किया था।
 
आर अश्विन के बाद राजस्थान रॉयल्स के एंड्रयू टाइ, बैंगलोर के केन रिचर्डसन और एडम ज़ैम्पा ने भी बाकी बचे टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया। तब बीसीसीआई कहती रही कि 'अभी फ़िलहाल आईपीएल जारी रहेगा, अगर कोई बीच में टूर्नामेंट छोड़कर जाना चाहता है तो इसमें कोई दिक़्क़त नहीं है।''
 
दरअसल ठीक-ठाक चलते आईपीएल में 30वां मुक़ाबला कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्ल बैंगलोर के बीच खेला जाना था लेकिन अचानक शाम होते-होते ख़बर आई कि यह मैच कोरोना वायरस की वजह से रद्द कर दिया गया है।
 
बाद में पता चला कि कोलकाता के मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती और तेज़ गेंदबाज़ संदीप वारियर कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। तब मिले समाचारों के अनुसार वरुण चक्रवर्ती पिछले दिनों कोहनी की समस्या के कारण अस्पताल गए थे और उसके बाद क्वारंटाइन हुए बग़ैर दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ अगला मैच खेल गए जिससे बायो बबल में सेंध लगी और कोरोना का मामला सामने आया। रही सही कसर संदीप वारियर्स के संक्रमित पाए जाने से पूरी हो गई।
 
इसके बाद ख़बर आई कि कोलकाता और बैंगलोर के बीच रद्द हुए मुक़ाबले को टूर्नामेंट के दौरान किसी और दिन कराया जाएगा। वरुण चक्रवर्ती तब के सीज़न में कोलकाता के सबसे महत्वपूर्ण गेंदबाज़ थे और उन्होंने टीम के सभी सात मैच खेलकर सात विकेट भी लिए थे।

वैसे आईपीएल शुरू होने से पहले ही तब अक्षर पटेल और देवदत्त पड्डिकल भी कोरोना का शिकार हो गए थे। अभी कोलकाता और बैंगलोर के मैच के रद्द होने की ख़बर बासी भी नहीं हुई थी कि 31वां मैच जो कि दिल्ली और हैदराबाद के बीच खेला जाना था वह भी रद्द हो गया है क्योंकि हैदराबाद के विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋद्धिमान साहा और दिल्ली के स्पिनर अमित मिश्रा भी कोविड-19 की चपेट में आ गए। दिल्ली की टीम ने बाद में जानकारी दी कि अमित मिश्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
 
बाद में चेन्नई सुपरकिंग्स के कोचिंग स्टाफ़ के सदस्य माइकल हसी और लक्ष्मीपति बालाजी भी कोविड-19 पॉज़िटिव पाए गए और उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली से चेन्नई ले जाया गया। इसके बाद माहौल ऐसा बन गया कि आईपीएल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा, जो अब रविवार 19 जून से संयुक्त अरब अमीरात में दोबारा शुरू होने जा रहा है। आईपीएल-14 चार मई को स्थगित हुआ था।
 
आईपीएल-14 नौ अप्रैल से शुरू हुआ और 2 मई तक मुक़ाबले खेले गए। अब 19 सितंबर से 15 अक्तूबर तक बचे हुए आईपीएल को खेला जाएगा। आईपीएल के बचे हुए मैच शुरू होने से पहले टी-20 विश्व कप के बाद भारत के कप्तान विराट कोहली के इस प्रारूप में कप्तानी छोड़ने से गर्माए माहौल और दूसरे सवालों को लेकर क्रिकेट समीक्षक अयाज़ मेमन कहते हैं कि पहले तो यह ख़बर सुनकर वह हक्के बक्के रह गए।
 
अयाज़ मेमन कहते हैं कि 'पिछले कुछ दिनों से ऐसी बातें सुनाई भी दे रही थीं इसलिए बहुत ताज्जुब वाली बात भी नहीं थी। कप्तानी छोड़ने के कारणों को लेकर विराट कोहली का बयान भी आया और उसके बाद बीसीसीआई के पदाधिकारियों ने उनके योगदान की सराहना भी की, इससे ऐसा लगता है उनके बीच बातचीत हुई है। अब विराट कोहली के इस कदम की इसलिए तारीफ़ होनी चाहिए कि उन्होंने टी-20 विश्व कप के शुरू होने से बहुत पहले कप्तानी छोड़ने का फ़ैसला किया है। अगर वह टी-20 विश्व कप जीत जाते तो फ़िर उनकी इतनी वाह-वाही होती कि उन्हें लगता कि वह क्यों कप्तानी छोड़ें? अब वह जीतें या हारें लेकिन वह कप्तानी छोड़ेंगे और जैसा कि माना जा रहा है और नए चेहरे रोहित शर्मा अगले कप्तान होंगे।'
 
क्या टी-20 विश्व कप के लिए टीम के चयन में उनकी नहीं चली और युज़्वेंद्र चहल की जगह आर अश्विन का टीम में आना भी कप्तानी छोड़ने की वजह हो सकती है? इसे लेकर अयाज़ मेमन कहते हैं ''ऐसा भी हो सकता है, लेकिन उनकी जगह टीम में आए राहुल चाहर बुरे विकल्प नहीं हैं। जहां तक आर अश्विन की बात है तो पिछले 12 महीने में उन्होंने बहुत ही बेहतरीन गेंदबाज़ी की है।"
 
"इंग्लैंड में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया जिससे अश्विन की कमी महसूस नहीं हुई, तो क्या उनके टीम में आने से विराट कोहली नाराज़ हो गए हैं इसे लेकर यही कहा जा सकता है कि जब कोई विश्व कप या दूसरा टूर्नामेंट जीतना चाहता है तो वह सर्वश्रेष्ठ संयोजन भी चाहता है। एक दो पसंदीदा खिलाड़ियों का चयन चलता रहता है, लेकिन हर खिलाड़ी का चयन कप्तान की मर्ज़ी से नहीं हो सकता अन्यथा चयन समिति की ज़रूरत ही नहीं होती, और अगर चयनकर्ताओं की ही चलेगी तो फिर कप्तान की ज़रूरत भी नहीं रहेगी।"
 
मेनन कहते हैं, "कुल मिलाकर यह माहौल बना कि विराट कोहली आईसीसी टूर्नामेंट जीत नहीं पा रहे हैं। वैसे टी-20 में उनका रिकॉर्ड बहुत बुरा नहीं है, लेकिन उनकी ख़ुद की सोच ऐसी हो गई हैं कि उनकी फ़ॉर्म इतनी अच्छी नहीं है, रन कम बन रहे हैं और टी-20 की भी कप्तानी से उन पर बोझ बढ़ रहा है। हर खेल में खिलाड़ी आजकल दबाव मुक्त रहना चाहते हैं, और वैसे भी भारत में ही यह चलन है कि तीनों प्रारूपों में एक ही खिलाड़ी कप्तान हो जबकि इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका में ऐसा नहीं है। न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान में भी तीनों प्रारूपों में एक ही कप्तान हैं लेकिन पांच छह साल तक लगातार कप्तान बने रहने से दबाव बढ़ जाता है अगर वैसा प्रदर्शन ना हो जैसा दर्शक या आलोचक चाहते हैं।''
 
तो क्या इस बार आईपीएल में विराट पर सबकी नज़र होगी क्योंकि वह आख़िरी बार टी-20 में भारत के कप्तान होंगे? और क्या मेंटॉर होने के कारण महेंद्र सिंह धोनी और भविष्य का कप्तान होने की वजह से रोहित शर्मा पर भी सबका ध्यान रहेगा ?
 
यह बात तो होगी ही। अयाज़ मेमन कहते हैं कि रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी पर नज़र ज़्यादा होगी क्योंकि वह मेंटॉर भी होंगे। मेंटॉर होने का अर्थ यह भी है कि उनके पास अधिक तरकीबें है, और अगर टीम अच्छा नहीं खेली तो सब कहेंगे कि अरे यह क्या हो रहा है जबकि यह तो मेंटॉर है। जब यह आईपीएल में ऐसे ही हैं तो विश्व कप में जाकर क्या करेंगे।
 
"दूसरी तरफ़ रोहित शर्मा जो पांच बार ख़िताब जीते हैं वह अगर इस बार नहीं जीते तो सब कहेंगे कि यह तो आगे जाने वाले कप्तान हैं, तो ऐसे में तीनों ही कप्तानों पर सबकी निगाहें होंगी। इसे देखते हुए यह आईपीएल बहुत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट हो गया है क्योंकि तीनों ही बहुत बड़े खिलाड़ी हैं। इन तीनों खिलाड़ियों के आपसी रिश्ते भी टी-20 विश्व कप में बड़े मायने रखेंगे कि रवि शास्त्री के साथ मिलकर यह भारत का प्रदर्शन कैसा करवाते हैं। विराट कप्तान होंगे, रोहित उपकप्तान और धोनी मेंटॉर जबकि रवि शास्त्री कोच।"
 
इस बार आईपीएल इसलिए भी विशेष होगा क्योंकि वहीं पर टी-20 विश्व कप भी होगा और उसमें खेलने वाले मैदान के अनुरूप अभ्यस्त होना चाहेंगे? इसे लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि ऐसा होगा हालांकि विश्व कप को लेकर खिलाड़ियों का चयन हो चुका है लेकिन अभी भी कुछ गुंजाइश बाकी है। छह या सात अक्तूबर तक टीम में बदलाव हो सकते हैं।
 
मेनन कहते हैं, "स्टैंड बाई खिलाड़ी मेन टीम में जगह बना सकते हैं। ऐसे में चुने गए खिलाड़ियों की ज़िम्मेदारी है कि वह अच्छा प्रदर्शन करें। इसके अलावा यह नहीं भूलना चाहिए कि आईपीएल बहुत बड़ा टूर्नामेंट है जो किसी भी खिलाड़ी का करियर बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। टी-20 विश्व कप के बाद आईपीएल में दो नई टीमें भी शामिल होंगी, जिनकी नीलामी होगी। जो भी खिलाड़ी आईपीएल में ख़राब खेलेगा उसका मूल्य कम हो सकता है। कोई टीम में है या नहीं है, चाहे वह खेले या ना खेले लेकिन आईपीएल में किया गया प्रदर्शन अगले तीन या चार महीने में करियर पर असर डाल सकता है।"
 
कई विदेशी खिलाड़ियों ने हाथ खींचे, क्या प्रभावित होगा आईपीएल?
इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के अलावा दक्षिण अफ़्रीका के कुछ खिलाड़ियों के आईपीएल ना खेलने से कुछ फ़र्क़ पड़ेगा? इसे लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि कुछ हद तक तो पड़ेगा।
 
"भारत से टेस्ट सिरीज़ रद्द होने के बाद इंग्लैंड के क्रिस वोक्स, जॉनी बेयरस्टो और डेविड मालान आईपीएल खेलने नहीं आ रहे हैं जबकि यह अपनी फ्रेंचाइज़ी के लिए बड़े दिग्गज खिलाड़ी हैं। इनकी अनुपस्थिति का असर इनकी टीमों पर तो पड़ेगा ही बीसीसीआई पर भी पड़ेगा कि वह कैसे सुनिश्चित करें कि बड़ी रक़म ख़र्च करने के बाद भी खिलाड़ी खेलें। पैट कमिंस कोलकाता के लिए खेलने नहीं आ रहे हैं तो ऑस्ट्रेलिया के कुछ और खिलाड़ी भी पीछे हट गए हैं। यह निश्चित तौर पर आईपीएल के लिए परेशानी का सबब है।"
 
आईपीएल में टीमों की वर्तमान स्थिति और संभावित उलटफेर को लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि यह बहुत ताज्जुब वाली बात होगी कि अगर अभी अंकतालिका में टॉप चार पांच में चल रही टीमों में कुछ उतार-चढ़ाव हो।
 
"एकाध टीम के अलावा अधिक उलटफेर नहीं होगा क्योंकि बाकि टीमें बहुत संघर्ष कर रही हैं जैसे राजस्थान रॉयल्स। उनकी टीम में बेन स्टोक्स और जोस बटलर नहीं हैं जो बहुत बड़े खिलाड़ी हैं। अगर वह आते हैं और कुछ उलटफेर करें तो अलग बात है लेकिन काग़ज़ पर टक्कर तो टॉप पर मौजूद चार टीमों में ही बनी हुई है।"
 
ग़ैर ज़िम्मेदार रहे भारतीय खिलाड़ी और स्टाफ़?
भारत-इंग्लैंड टेस्ट सिरीज़ का पांचवां और अंतिम मैच भारतीय कोचिंग स्टाफ़ और आईपीएल का पिछला हिस्सा भारतीय खिलाड़ियों की लापरवाही से रद्द हुआ। तो क्या भारतीय खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ़ अपनी ज़िम्मेदारी नहीं समझते?
 
इस सवाल पर अयाज़ मेमन कहते हैं कि काफ़ी हद तक यह सच है क्योंकि श्रीलंका में भी कुछ भारतीय खिलाड़ी इसका शिकार हुए। आईपीएल में भी ऐसा हुआ, हालांकि इंग्लैंड में किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं हुआ। सभी खिलाड़ी टेस्ट में निगेटिव पाए गए फिर भी सिरीज़ रद्द हो गई क्योंकि सबको कोविड होने का डर था और अगर ऐसा हो जाता तो उन्हें दस दिन इंग्लैंड में बिताने पड़ते।
 
मेनन कहते हैं, "कुल मिलाकर हर खिलाड़ी और टीम को ख़ासकर भारतीयों को जिनके साथ ऐसी बातें अधिक हुई हैं इसलिए उन्हें बेहद सावधानी के साथ निर्धारित उच्च मापदंड का पालन करना चाहिए, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात में ऐसा नहीं होगा क्योंकि वहां कोई क़ानून का उल्लंघन वैसे नहीं कर सकता जैसा भारत में किया जाता है। संयुक्त अरब अमीरात इसीलिए आईपीएल कराने की सही जगह है। हर खिलाड़ी की ज़िम्मेदारी है चाहे वह किसी भी देश का हो वह अपने समर्थकों और मुल्क के लिए यह सोचकर चले कि अभी भी कोविड का ख़तरा कम नहीं हुआ है। इसकी वजह से भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई बेहतरीन सिरीज़ का आख़िरी मैच रद्द हो गया।"
 
आख़िर में अयाज़ मेमन कहते हैं कि आईपीएल को हल्के या साधारण रूप में लेने की ज़रूरत नहीं है जबकि इसकी बहुत आलोचना हुई है कि यह सिर्फ़ पैसा बनाने के लिए है। आईपीएल बहुत बड़ा टूर्नामेंट है। अगर इंग्लैंड में हंडर्डस टूर्नामेंट ना होता तो पांचवां टेस्ट मैच भी खेला जाता क्योंकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप समाप्त होने के छह हफ़्ते तक भारत ने वहां कोई मैच नहीं खेला सिवाए एक काउंटी टीम के ख़िलाफ़।
 
"भारतीय टीम इंतज़ार कर रही थी कि कब हंडर्डस टूर्नामेंट समाप्त हो और टेस्ट सिरीज़ शुरू हो। अगर चार-पांच दिन का तालमेल हो जाता तो पांचवां टेस्ट मैच हो जाता। अभी आईपीएल दुनिया में सम्पत्ति के आधार पर पांचवें या छठे स्थान पर आता है लेकिन दो और टीमों के जुड़ने के बाद यह तीसरे स्थान पर आ जाएगा। एक डेढ़ हज़ार करोड़ रुपया और जुड़ेगा और अधिक खिलाड़ियों की भी ज़रूरत होगी। इसे देखते हुए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए आईपीएल आने वाले तीन चार महीनों में बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है।"
 
कप्तानी से प्रभावित हो रही है विराट की बल्लेबाज़ी?
आईपीएल से जुड़े सवालों को लेकर ही पूर्व बल्लेबाज़ और चयनकर्ता के साथ-साथ आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के सदस्य रहे अशोक मल्होत्रा सबसे पहले विराट कोहली कोहली के टी-20 विश्व कप के बाद कप्तानी छोड़ने को लेकर मानते हैं कि उन्होंने कप्तान के तौर पर हर प्रारूप में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन शायद अब उनकी बल्लेबाज़ी पर उसका असर पड़ रहा है।
 
मल्होत्रा कहते हैं, "दो साल से उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला है, और फिर यह तो जैसे दीवार पर लिखा था क्योंकि रोहित शर्मा को टी-20 में कप्तान बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। विराट के वक्तव्य ने उस पर मोहर लगा दी है।"
 
आर अश्विन के टी-20 विश्व कप में चयन और युज्वेंद्र चहल की अनदेखी से विराट कोहली की असहमति को लेकर अशोक मल्होत्रा कहते हैं कि यह साफ़ है कि अगर चहल का चयन नहीं हुआ तो विराट की ज़्यादा नहीं चली, या उनकी सलाह पर अमल नहीं किया गया। आर अश्विन तो पिछले चार साल से देश के लिए टी-20 क्रिकेट खेले ही नहीं हैं इसलिए उनका चयन हैरान करता है। उन्हें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चारों टेस्ट मैच में टीम से बाहर रखा गया जबकि वह अव्वल दर्जे के टेस्ट गेंदबाज़ हैं तो निश्चित रूप से विराट कोहली थोड़ा नाराज़ होंगे।
 
दर्शकों की मौजूदगी को लेकर अशोक मल्होत्रा कहते हैं कि इससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निखार आएगा। अगर संयुक्त अरब अमीरात में आईपीएल में दर्शक आते हैं तो फिर वह टी-20 विश्व कप में भी दिखेंगे।
 
अशोक मल्होत्रा इस आईपीएल को टी-20 विश्व कप की रिहर्सल मानते हैं। इन मैचों से खिलाड़ियों को विकेट का मिज़ाज भांपने का मौक़ा मिलेगा। वहां की गर्मी से भी देसी- विदेशी खिलाड़ियों को अवगत होने का अवसर मिलेगा।
 
कुछ खिलाड़ियों के ना खेलने से आईपीएल की चमक फीकी होने की संभावना को इनकार करते हुए अशोक मल्होत्रा कहते हैं कि केवल इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ी नहीं आ रहे हैं लेकिन कैरिबियन लीग समाप्त हो चुकी है जिसके बाद वेस्ट इंडीज़ के सभी खिलाड़ी वापस आ रहे हैं। इनमें आंद्रे रसेल, किरेन पोलार्ड, सुनील नारायण और क्रिस गेल शामिल हैं।
 
अशोक मल्होत्रा इस बात से सहमत हैं कि सबकी नज़रें विराट कोहली पर ज़रूर होंगी और विराट कोहली पर भी दबाव होगा कि वह आरसीबी को जीताकर दिखाएं। इसके चलते उन पर टी-20 विश्व कप में भी दबाव होगा। अगर वह आईपीएल और टी-20 विश्व कप जीत जाते हैं तो यह उनके लिए सोने पर सुहागा जैसा होगा, तब वह कह सकेंगे कि मैंने सब कुछ हासिल कर लिया है और मैं शान से टी-20 की कप्तानी को अलविदा कह रहा हूँ।
 
आईपीएल के बचे हुए मैचों में टीमों के संघर्ष को लेकर अशोक मल्होत्रा कहते हैं कि यह सबके लिए अब नए टूर्नामेंट जैसा होगा और सब जोश के साथ खेलेंगे। वैसे मुंबई इंडियंस बहुत मज़बूत टीम है उनका शानदार खेलना तय है। बैंगलोर की टीम ने चार-पांच परिवर्तन किए हैं जिसके बाद देखना होगा कि उनका तालमेल कैसा है। इतना तय है कि सभी टीमों में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
 
अशोक मल्होत्रा यह भी मानते हैं कि जिन खिलाड़ियों का चयन टी-20 विश्व कप के लिए नहीं हुआ है वह वापसी के लिए दम लगाएँगे, जैसे युज़्वेंद्र चहल साबित करना चाहेंगे कि भारतीय टीम में उनकी जगह होनी चाहिए थी।
 
आख़िर में अशोक मल्होत्रा कहते हैं कि इस बार आईपीएल से कुछ खिलाड़ियों को परखने में मदद मिलेगी जैसे जसप्रीत बुमराह किस तरह से यॉर्कर करते हैं, आख़िरी ओवरों में वह किस तरह की गेंद कर सकते हैं। सब एक दूसरे पर नज़र रखेंगे। देसी-विदेशी खिलाड़ी एक ही टीम का हिस्सा ज़रूर हो सकते हैं लेकिन उनके दिमाग़ में टी-20 विश्व कप भी कहीं न कहीं चल रहा होगा।
 
रविवार से फिर से शुरू होने जा रहे आईपीएल को लेकर बयानबाज़ी भी शुरू हो गई है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि ''मुंबई वो पहले कुछ मैच गंवाते हैं और टूर्नामेंट के अंत में अच्छा कर वापसी करते हैं, लेकिन इस बार उन्हें टूर्नामेंट जीतना है तो पहली गेंद से ही दबाव बनाना होगा। मुंबई की टीम तीन या चार गँवाने का जोखिम नहीं उठा सकती।''
 
पीटरसन ने चेन्नई की भी तारीफ़ करते हुए लिखा, ''हर किसी ने अप्रैल में आईपीएल के शुरू होने से पहले चेन्नई की ओल्ड ब्वॉएज आर्मी को चूका हुआ मान लिया था, इसलिए उन्हें अच्छा करते हुए देखना हैरानी भरा रहा।''
 
दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पेंटिंग ने कहा है कि 14वें सत्र में नए सिरे से शुरूआत करनी होगी। इसमें पहले चरण का प्रदर्शन मायने नहीं रखेगा।
 
दिल्ली टीम ने स्पष्ट कर दिया है कि ऋषभ पंत ही बाकी बचे हुए मैचों के लिए टीम के कप्तान बने रहेंगे। पिछले साल श्रेयस अय्यर की कप्तानी में टीम ने फ़ाइनल में जगह बनाई थी।
 
कोलकाता के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा है कि ''मैं यूएई में दर्शकों की आवाज़ सुनने को बेताब हूँ।'' राजस्थान के बल्लेबाज़ लियाम लिविंगस्टोन ने कहा है कि ''टेस्ट क्रिकेट में मौक़ा नहीं मिलने के बावजूद दुनिया भर में लीग खेल सकते हैं।''
 
दक्षिण अफ़्रीका के मुख्य कोच मार्क बाउचर को उम्मीद है कि उनके खिलाड़ियों को आईपीएल के दौरान सही समय पर अपनी फ़ॉर्म के शिखर पर पहुँचना होगा।
 
पंजाब किंग्स के लिए खेलकर आईपीएल का आग़ाज़ करने जा रहे ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ नाथन एलिस मोहम्मद शमी से कुछ सीखना चाहते हैं।
 
दिल्ली के सहायक कोच मोहम्मद कैफ़ का मानना है कि श्रेयस अय्यर की टीम में वापसी हुई है और उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।
 
ऑस्ट्रेलिया के स्टार ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल का मानना है कि आईपीएल के आयोजन से इन्हीं स्थलों पर अगले महीने होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए मुक़ाबला थोड़ा बराबरी का हो जाएगा।
 
संयुक्त अरब अमीरात में खिलाड़ियों के पहुँचने से आईपीएल का समाँ बंधने लगा है। कैरेबियन लीग समाप्त होने के बाद कोलकाता के आंद्रे रसेल, सुनील नारायन और टिम सीफर्ट अबु धाबी और चेन्नई के फाफ डु प्लेसी और इमरान ताहिर भी दुबई पहुंच चुके हैं।
 
आईपीएल-14 के पहले चरण में राजस्थान रॉयल्स के संजू सैमसंग और जोस बटलर के अलावा बैंगलोर के देवदत्त पड्डीकल शतक जमा चुके हैं। चार बल्लेबाज़ पंजाब के मयंक अग्रवाल 99 रन नाबद, चेन्नई के फाफ डु प्लेसी 95 नाबाद , दिल्ली के शिखर धवन 92 और पंजाब के केएल राहुल 91 रन नाबाद शतक बनाने से चूक गए थे।
 
आईपीएल-14 के पहले चरण में शिखर धवन ने आठ मैचों में 380, केएल राहुल ने सात मैचों में 331 और फाफ डु प्लेसी ने भी सात मैचों में 320 रन बनाकर अपना दमख़म दिखाया है। विराट कोहली सात मैचों में केवल 198 रन बना सके हैं।
 
अब देखना है दूसरे चरण में विराट कोहली अपनी कप्तानी में बल्ले से कैसा प्रदर्शन करते हैं जबकि सारी दुनिया की निगाह उन पर होगी। इसके अलावा ऐसा बहुत कुछ है जिसकी वजह से यह आईपीएल बेहद ख़ास होने वाला है।
 

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