अयोध्या पर सलमान ख़ुर्शीद की नई किताब को लेकर क्यों मचा है बवाल?

BBC Hindi

शुक्रवार, 12 नवंबर 2021 (08:23 IST)
कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की नई किताब 'सनराइज़ ओवर अयोध्या' को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। विवाद किताब के एक पन्ने पर हिंदुत्व से जुड़ी एक लाइन पर है। बीजेपी और वीएचपी से जुड़े कुछ नेताओं का आरोप है कि किताब में हिंदुत्व के ताज़ा वर्जन की तुलना जिहादी गुट ISIS और बोको हराम से की गई है।
 
वहीं सलमान ख़ुर्शीद का दावा है कि उन्होंने किताब में 'हिंदू धर्म' को नहीं 'हिंदुत्व' को आतंकवादी संगठनों से जोड़ा।किताब में हिंदू धर्म के बारे में बहुत कुछ अच्छा लिखा है।लोगों को चाहिए कि वो उनकी पूरी किताब पढ़ें।
 

Launch of Sunrise over Ayodhyahttps://t.co/OGXPOaJTEo

— Salman Khurshid (@salman7khurshid) November 10, 2021
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने इस मुद्दे पर ख़ुल कर अपनी असहमति जताई है और हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस या जिहादी इस्लाम से करने को अतिशयोक्ति बताया है।
 
ग़ुलाम नबी आज़ाद ने ट्वीट किया, "सलमान ख़ुर्शीद अपनी नई किताब में भले ही हम हिंदुत्व को हिंदू धर्म की मिलीजुली संस्कृति से अलग एक राजनीतिक विचारधारा मानकर इससे असहमति जताएं।लेकिन हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और जिहादी इस्लाम से करना तथ्यात्मक रूप से ग़लत और अतिशयोक्ति है।"
 

In Mr. Salman Khursheed’s new book, we may not agree with Hindutva as a political ideology distinct from composite culture of Hinduism, but comparing Hindutva with ISIS and Jihadist Islam is factually wrong and an exaggeration.

— Ghulam Nabi Azad (@ghulamnazad) November 11, 2021
किताब किस विषय पर है?
सलमान ख़ुर्शीद की किताब अयोध्या विवाद और सुप्रीम के ताज़ा फ़ैसले पर है।उन्होंने इस फ़ैसले को अच्छा फ़ैसला बताते हुए लिखा है कि कैसे इस मुकाम तक पहुँचा गया।
 
किताब लिखने की मंशा को ज़ाहिर करते हुए उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा, " लोगों को लगता था कि 100 साल लगेंगे फ़ैसला आने में।फिर लोगों को लगा कि ये फ़ैसला तो बहुत जल्दी आ गया।अब जब फ़ैसला आ गया है, बहुत लंबा फ़ैसला था।"
 
"1500 पेज मैंने पढ़ा और फिर दोबारा पढ़ा और समझने की कोशिश की।तब तक लोग इस फ़ैसले को बिना पढ़े अपनी राय दे रहे थे।कुछ कह रहे थे - मुझे अच्छा नहीं लगा कि आपने मस्जिद नहीं बनने दी, कुछ ने कहा मुझे अच्छा नहीं लगा कि आपने मंदिर बनवा दिया।"
 
"लेकिन किसी ने पढ़ा नहीं, समझा नहीं कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया? क्यों किया? कैसे किया? इसलिए मेरा ये दायित्व बनता है कि इस फ़ैसले को समझाऊँ।मैं इस कोर्ट से संबंध रखता हूँ।लोगों को बताऊँ कि फ़ैसले में त्रुटि है या नहीं। मैंने माना कि ये अच्छा फ़ैसला है।आज के हालात जो देश में है, उसमें मरहम लगाने का एक रास्ता है।और ऐसी बात फिर न हो इसका एक प्रयास है।"
 
सलमान ख़ुर्शीद भारत के क़ानून मंत्री और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं।इस लिहाज से उनकी किताब और उसमें की गई टिप्पणी और भी अहम हो जाती है।
 
ख़ास तौर पर तब जब उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।बीजेपी अपनी तरफ़ से पूरे मामले पर क्रेडिट लेने की होड़ में जुटी है, वहीं विपक्षी पार्टियाँ इसे कोर्ट का फ़ैसला करार देकर मुद्दे को तूल न देने का प्रयास कर रही हैं।
 
विवाद किस बात पर?
किताब का वो 'विवादित हिस्सा' छठे चैप्टर "द सैफ़रन स्काई" का हिस्सा है, जिसमें अंग्रेज़ी में एक लाइन लिखी है।
 
"Sanatan Dharma and classical Hinduism known to sages and saints was being pushed aside by robust version of Hindutav, by all standards a political version similar to jihadist Islam of groups like ISIS and Boko Haram of recent years."
 
जिसका हिंदी अर्थ है :
 
"भारत के साधु-संत सदियों से जिस सनातन धर्म और मूल हिंदुत्व की बात करते आए हैं, आज उसे कट्टर हिंदुत्व के ज़रिए दरकिनार किया जा रहा है।आज हिंदुत्व का एक ऐसा राजनीतिक संस्करण खड़ा किया जा रहा है, जो इस्लामी जिहादी संगठनों आईएसआईएस और बोको हराम जैसा है।"
 
इसी एक लाइन को लेकर सारा बवाल चल रहा है। बीजेपी और वीएचपी से जुड़े कुछ नेताओं ने इस पर सवाल उठाए हैं।
 
केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी, महेंद्र नाथ पांडेय, उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
 
मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि ये कांग्रेस नेताओं की अज्ञानता को दिखाता है।वो ख़ुद को सेकुलर कहते हैं।उन्हें हिंदुत्व का ज्ञान नहीं है।कभी उसे आतंकवाद से जोड़ देगें तो कभी तालिबान से।ये सब बेवकूफ़ी वाली बात है।
 
केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने भी सलमान ख़ुर्शीद की किताब के अंश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी सोच संकीर्ण और सांप्रदायिक है।अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए ऐसे बेतुके बयान दे रहे हैं।उनका बयान निंदनीय है।
 
वीएचपी नेता सुरेंद्र जैन ने कहा कि हिंदुत्व के उत्थान से आज पूरा देश गौरव से परिपूर्ण है। दुर्भाग्य की बात है।जिन लोगों की राजनीति हिंदू समाज को इतने वर्षों तक अपमानित करके चलती रही, जिन्होंने बार-बार राम के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाया, जिन्होंने हिंदू आतंकवाद शब्द को आगे बढ़ाया, जिन्होंने सिमी की वकालत की, ऐसे लोगों को हिंदुत्व का उत्थान हजम नहीं हो रहा है।अब उनकी तुष्टीकरण की राजनीति का अंत हो रहा है, इसलिए उन्हें ये स्वीकार नहीं हो रहा।
 
बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा है, "सलमान ख़ुर्शीद ने अपनी नई किताब में हिंदुत्व की तुलना जिहादी इस्लामिस्ट गुट ISIS और बोको हरम से की है"
 
अब महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने भी सलमान ख़ुर्शीद पर निशाना साधा है। शिवसेना से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया है।
 
किताब के लॉन्च पर पी चिदंबरम ने क्या कहा?
सलमान खुर्शीद की किताब के लॉन्च में कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता पी चिदंबरम भी मौजूद थे। अयोध्या फ़ैसले पर उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा, "बहुत समय बीत जाने की वजह से दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को स्वीकार कर लिया। सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला दोनों पक्षों ने स्वीकार कर लिया, इस वजह से अच्छा फ़ैसला था, न कि फ़ैसला अच्छा होने की वजह से दोनों पक्षों ने स्वीकार किया।"

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