युधिष्ठिर ने ऐसे समय धैर्य दिखाया और कहा, कोई पक्षी तो यह कार्य नहीं कर सकता। आप या तो रुद्र हैं, वसु हैं या मरुत देवता हैं। पहले आप बताएं कि आप कौन हैं? तब यक्ष ने कहा कि मैं कोरा जलचर पक्षी ही नहीं हूं, मैं यक्ष हूं। तुम्हारे ये तेजस्वी भाई मैंने ही मारे हैं। ऐसा कहकर यक्ष हंसने लगा।