न सिर्फ कमर्शियल बल्कि लोग अब मेडिकल स्किन केयर प्रोडक्ट का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। इस कारण से इंटरनेट पर भी काफी ज्यादा स्किन केयर प्रोडक्ट की वीडियो वायरल होने लगी हैं। साथ ही आज के समय में कोई भी प्रोडक्ट लेने से पहले लोग इसके रिव्यु को जानना पसंद करते हैं। इन प्रोडक्ट में स्किन लाइटनिंग और स्किन ब्राइटनिंग जैसी क्रीम भी काफी ज्यादा प्रचलित हैं। लेकिन कई लोग इन दोनों ही क्रीम को एक समझ लेते हैं। तो आइए जानते हैं दोनों प्रोडक्ट में क्या अंतर होता है...
क्या होता है स्किन लाइटनिंग?
स्किन लाइटनिंग प्रोडक्ट का मतलब होता है आपकी स्किन टोन को 2-3 शेड बेहतर करना। यानी ये आपके स्किन कॉम्पलेक्शन को लाइट करता है। इस तरह के प्रोडक्ट स्किन के मेलेनिन प्रोडक्शन को कम करने में मदद करते हैं। मेलेनिन प्रोडक्शन बढ़ने के कारण हमारी स्किन डल और डार्क दिखने लगती है।
क्या होता है स्किन ब्राइटनिंग?
स्किन ब्राइटनिंग यानी आपकी स्किन में ब्राइटनेस बढ़ाना। इस तरह के प्रोडक्ट स्किन को ग्लोइंग बनाने में मदद करते हैं और चेहरे से डलनेस को कम करने में मदद करते हैं। कई लोगों का स्किन टोन गोरा होने के कारण भी उनकी स्किन डल लगती है। इस कारण से अपनी स्किन को ग्लोइंग और यूथफुल बनाने के लिए स्किन ब्राइटनिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। ये प्रोडक्ट चेहरे को गोरा नहीं करते हैं बल्कि डलनेस को कम करते हैं।
त्वचा को ग्लोइंग और गोरा बनाने के लिए क्या बेहतर है?
दरअसल स्किन ब्राइटनिंग और स्किन लाइटनिंग जैसे प्रोडक्ट में कई हानिकारक केमिकल और ब्लीचिंग प्रॉपर्टीज होती हैं। साथ ही कमर्शियल विज्ञापन के ज़रिए आपको इन प्रोडक्ट को नहीं खरीदना चाहिए। अगर आप अपने स्किन कॉम्प्लेक्शन को बेहतर करना चाहते हैं या डलनेस से छुटकारा चाहते हैं तो डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें।