देव आनंद : दस मिनट में शादी

अपनी पत्नी मोना (कल्पना कार्तिक) से देव आनंद की मुलाकात 'बाजी' (1951) के सेट पर हुई थी। चेतन आनंद उन्हें शिमला के सेंट पीटर्स कॉलेज से हीरोइन बनाने के लिए लाए थे। वास्तव में वे चेतन की पहली पत्नी उमा बैनर्जी की छोटी बहन थीं। उमा से चेतन ने लाहौर में कॉलेज की पढ़ाई के समय ही शादी कर ली थी।

'बाजी' में कल्पना कार्तिक ने सहनायिका की भूमिका की और बाद में नवकेतन की आँधिया/हमसफर / टैक्सी ड्राइवर/ हाउस नंबर 44 और नौ दो ग्यारह फिल्मों में भी वे देव की नायिका बनीं। सुरैया की तरफ से शादी नहीं करने का टका-सा जवाब मिलने के बाद देव आनंद कल्पना कार्तिक की तरफ झुकने लगे थे और दोनों ने 3 जनवरी 1954 को 'टैक्सी ड्राइवर' के निर्माण के दौरान स्टूडियो में ही रजिस्ट्रार को बुलाकर दस मिनट में शादी कर ली।

इतनी गुपचुप कि चेतन आनंद को इसकी भनक नहीं लगी, जो 'टैक्सी ड्राइवर' का निर्देशन कर रहे थे। नवकेतन स्टूडियो के एक कमरे में जब यह शादी हो रही थी, चेतन आनंद शूटिंग के लिए प्रकाश व्यवस्था में लगे थे। समय की कसौटी पर खरे उतरे इस विवाह ने देव आनंद को एक पुत्र सुनील और एक पुत्री देवीना दी है।

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