क्यों सुर बदले आमिर खान के?

आमिर खान और शाहरुख खान ने इन दिनों ये तय कर लिया है कि किस विषय पर अपनी राय रखनी है और किस पर चुप्पी साधनी है। राजनीतिक मामलों से वे अब दूर रहने लगे हैं। दोनों को समझ आ गया है कि वे बोलते कुछ है, मतलब कुछ और निकाला जाता है और खामियाजा उनकी फिल्मों को भुगतना पड़ता है। कुछ हुदड़ंगी किस्म के लोग उनकी फिल्म का विरोध करते हैं जिससे नुकसान निर्माता और सिनेमाघर मालिक का हो जाता है। इस तरह से किसी को चुप कराना या बोलने का अधिकार नहीं देना बहुत ही गलत है। आमिर-शाहरुख ये बात जानते हैं, लेकिन वे चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते। अपने हितों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अब संभल कर बोलना शुरू कर दिया है। 
 
पिछले वर्ष आमिर की पत्नी किरण राव को देश का माहौल ठीक नहीं लग रहा था। उन्हें भारत में रहने पर भय सताता था। आमिर ने यह बात क्या बोल दी देश में तूफान आ गया। अचानक 'खान' सितारों की फिल्मों के खिलाफ माहौल बनने लगा। उसी दौरान शाहरुख खान की फिल्म 'दिलवाले' प्रदर्शित हुई। आमिर ने बात बोली थी और लोगों ने शाहरुख को सजा दे डाली। किंग खान की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उनके स्टारडम के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई। 


 
आमिर को कुछ लोग सबक सिखाने के लिए बेताब हैं और उनकी फिल्म के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं। इस वर्ष दिसम्बर में आमिर की फिल्म 'दंगल' देखने को मिलेगी। आमिर जानते हैं कि माहौल उनके खिलाफ हो सकता है, इसलिए उन्होंने अपने सुर में बदलाव किया है। 
 
हाल ही में 500 और 1000 के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया। कुछ ने पक्ष में बोला तो कुछ ने विपक्ष में। आमिर ने पक्ष में बोल कर सभी को चौंका दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि दे‍शहित सबसे पहले है। भले ही इस नोटबंदी का असर उनकी फिल्म पर हो। वे इस निर्णय से सहमत हैं और कुछ दिनों की परेशानी को नजरअंदाज किया जा सकता है। 
 
उम्मीद थी कि आमिर आलोचना करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बात का समर्थन कर सभी को चौंका दिया। चाहे तो वे चुप भी रह सकते थे, लेकिन उन्होंने फ्रंट फुट पर आकर तारीफ का शॉट जड़ दिया। उनके इस बदले अंदाज के पीछे छिपे कारण का पता लगाना बहुत सरल है। 'दंगल' रिलीज होने वाली है और आमिर किसी तरह की बाधा नहीं चाहते हैं। उन्होंने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की है। 100 किलोग्राम का आंकड़ा छूकर वापस वे 70 किलोग्राम तक आए हैं। यह काम बहुत कठिन है। आमिर चाहते हैं कि उनकी यह मेहनत लोग जाकर बड़े परदे पर देखें। 
 
लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए भी उन्होंने ठंडी फुहार छोड़ी है। व्यावसायिक हित को ध्यान में रखना भी जरूरी है। 'दंगल' से कई लोग जुड़े हैं, इसीलिए आमिर ने भी सुर बदल लिए। 

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