ऐ दिल है मुश्किल... 5 करोड़ में 50 करोड़ का प्रमोशन

लोग मान रहे थे कि करण जौहर की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' के प्रदर्शित होने में राज ठाकरे ने अड़चन पैदा कर उनकी नींद हराम कर दी होगी, लेकिन करण को देख ऐसा बिलकुल नहीं लगा। वे बेहद संयत नजर आए। हड़बड़ी नहीं दिखाई। यह बात कहते रहे कि उनकी फिल्म 28 अक्टूबर को ही रिलीज होगी क्योंकि वे जानते थे कि प्रदर्शन के पहले ही समाधान निकल जाएगा और ऐसा ही हुआ। 
 
बॉलीवुड फिल्म बनाने वाले कुछ निर्माताओं के साथ उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात की और कुछ घंटे बाद सारी उलझन सुलझ गई। राज ठाकरे दो शर्त मनवा कर बेहद खुश हो गए। पहली शर्त यह कि फिल्म के पहले एक क्लिप दिखा कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाए। इस शर्त पर किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। दूसरी शर्त यह कि 'आर्मी वेलफेयर फंड' में पांच करोड़ रुपये जमा कर दिए जाए। 
करण ने यह शर्त भी मंजूर कर ली और मन ही मन राज ठाकरे को धन्यवाद दिया होगा। इसलिए नहीं कि उनकी फिल्म अब बिना किसी मुश्किल के प्रदर्शित हो जाएगी, बल्कि इसलिए कि पांच करोड़ रुपये में करण की फिल्म को 50 करोड़ रुपये का प्रमोशन मिल गया। 
 
करण खूब पैसा खर्च करते तो भी वेबसाइट्स, अखबार और टीवी पर उनकी फिल्म के इतने चर्चे नहीं होते, लेकिन राज ठाकरे की बदौलत यह काम खूब आसानी से हो गया। राज ठाकरे भले ही सीना फुला रहे हों कि उन्होंने करण से दो शर्त मनवा कर ही फिल्म प्रदर्शित होने दी, लेकिन असल में बाजी कौन जीता है ये तो करण जैसे चतुर निर्माता ही जानते हैं। 
इस किस्से से एक बात और तय हो गई कि राज ठाकरे किसी भी सरकार से शक्तिशाली हैं। किसी के काम में भी अड़चन पैदा कर देते हैं। अपनी शर्तें मनवाते हैं और मसले को सुलझा देते हैं। उनकी इस दादागिरी के सामने सरकारी कितनी बेबस रहती हैं यह बात वे अनेक बार साबित कर चुके हैं। 
 
राज ठाकरे को किस ने यह हक दे दिया कि वे चाहे तो पांच करोड़ रुपये जमा करो तभी फिल्म को प्रदर्शित होने दिया जाएगा। किसी ने भी पाकिस्तानी कलाकार को लिया तो उसे पांच करोड़ रुपये जमा करने होंगे। ऐसा भारत सरकार का कोई कानून नहीं है, लेकिन राज ठाकरे का कानून है। फिल्म वाले सॉफ्ट टारगेट हैं। सरकार उनकी कोई मदद नहीं करती और खुले आम धमकी देकर राज ठाकरे डंके की चोट पर अपनी बात मनवा लेते हैं और सरकार सिर्फ राहत की सांस लेती है कि मामला सुलझ गया। 
 
कल से राज ठाकरे यह कह दे कि फिल्म की स्क्रिप्ट भी उन्हें दिखाई जाए या किसे फिल्म में लिया जाए तो यह बात भी फिल्म वालों को मानना ही पड़ेगी। 

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