लता मंगेशकर को 'परफ्यूम' भेंट करती अलका याज्ञनिक

मंगलवार, 26 सितम्बर 2017 (19:42 IST)
बिग एफ पर मंगलवार की शाम कई साल पहले मुंबई में हुए सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के 'लाइव कंसर्ट' का प्रसारण किया गया और इसमें एंकर के साथ आरजे बनी पार्श्व गायिका अलका याज्ञनिक। सबसे पहले तो अलका ने माफी मांगी कि मैं दीदी के सामने कुछ भी नहीं हूं लेकिन आज मुझे इस कंसर्ट के साथ श्रोताओं से बातें करनी हैं। एकंर ने सवाल किया लता जी के 'जन्मदिन' पर आप उन्हें क्या भेंट करती? अलका ने कहा मैं उन्हें 'परफ्यूम' भेंट करती क्योंकि उन्हें खुशबू बहुत पसंद है.. 
 
इस लाइव कंसर्ट में अलका से पूछा गया कि आपको लता जी का एक गीत बताएं जो सबसे ज्यादा पसंद है? उन्होंने कहा कि दीदी ने इतने सारे गीत गाए हैं कि सभी मुझे पसंद है। जहां तक एक गीत का सवाल है तो यहां मैं यहां पर फिल्म 'अनुपमा' का गीत 'कुछ दिल ने कहा..कुछ दिल ने सुना..' को कहूंगी। यह गीत मेरे दिल के बहुत करीब है.. 
लाइव कंसर्ट में ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार भी थे...उन्होंने लता जी को संबोधित करते हुए कहा ' साहिबे हजरात, जैसे खुशबू का कोई रंग नहीं होता...जैसे किसी नदी या किसी झील का कोई ठिकाना नहीं होता..जैसे किसी छोटे से बच्चे की मुस्कुराहट का कोई मजहब नहीं होता, वैसे ही कुदरत ने हमें लता मंगेशकर जैसी शख्सियत दी है, जो अनमोल है...'
 
इसके बाद लता जी ने दिलीप कुमार पर फिल्माएं कुछ गीतों की प्रस्तुति ‍दी। रेडियो पर श्रोता इस कंसर्ट में आगे बढ़ते, उससे पहली बार लाइव आ रहीं अलका याज्ञनिक गुनगुनाते हुई सुनी...यह गीत लता जी का था और उसके बोल थे ' जरा सी आहट होती है तो दिल सोचता है, कहीं वो तुम तो नहीं...'
 
कंसर्ट में लता मंगेशकर ने कहा कि जब मैं यहां आ रही थी तब कई लोगों ने मुझसे फरमाइश की थी...मैं उनकी दो दो लाइनें सुनाती हूं। 'ठंडी हवाएं, लहरा के गाए..' 'इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्‍टा मेरा...' 'प्यार किया तो डरना क्या, प्यार किया कोई चोरी नहीं की, छुप छुपके आहें भरना क्या...'
 
अलका याज्ञनिक ने कहा कि मेरी जिंदगी में यह पहला मौका है जब मैं किसी रेडियो प्रोग्राम में लाइव आ रही हूं। उन्होंने कहा कि मैंने भी कई लाइव शो किए लेकिन इसमें काफी डर लगता है क्योंकि लाइव शो में गाते वक्त रिटेक की कोई गुंजाइश नहीं रहती।
 
अलका ने कहा कि मैं लता जी का बहुत आदर करती हूं और प्यार से उन्हें दीदी कहती आई हूं। दीदी के गीतों को गाना तो दूर की बात मैं उन्हें गुनगुनाने में भी बहुत डरती हूं क्योंकि पहले ही इन्हें इतना अच्छा गा चुकी हैं। जब तक ये दुनिया कायम रहेगी, तब तक दीदी के गीत अमर रहेंगे।  

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी