सुपरस्टार्स और फैंस

जल्दी ही शाहरुख खान की 'फैन' रिलीज हो रही है जिसमें शाहरुख दोहरी भूमिका में हैं। एक सुपरस्टार तो दूसरा उसका फैन। स्टार और फैन के बीच की कहानी दिखाई गई है। सुपरस्टार के फैन पर निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने 1971 में एक बेहतरीन फिल्म 'गुड्डी' बनाई थी। इसमें जया बच्चन को सुपरस्टार धर्मेन्द्र की फैन दिखाया गया था। वह स्क्रीन पर धर्मेन्द्र के कारनामों से प्रभावित होकर उन्हें सुपरमैन समझ बैठती है। उसे लगता है कि धर्मेन्द्र जो चाहे वो कर सकते हैं, लेकिन धर्मेन्द्र से मिलकर कर वह महसूस करती है कि धर्मेन्द्र भी एक सामान्य आदमी है। 
 
स्टार्स और प्रशंसकों के बीच एक अजीब रसायन काम करता है। जिस इंसान से कभी आप मिले ही नहीं उसे पूजने लगते हैं। वह आपकी जिंदगी का एक हिस्सा हो जाता है। उसकी हर अदा आपको दीवाना बनाती है। यही सुपरस्टार्स का जादू है जो उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल करती है। मेल स्टार्स से लड़कियां और फीमेल स्टार्स से लड़के प्यार कर बैठते हैं और इससे बाहर निकलने में उन्हें काफी वक्त लगता है।
पुराने दौर में प्रशंसक अपने प्रिय स्टार्स को पत्रों के जरिये दिल की बात बताते थे। राजेश खन्ना, मुंबई लिखने पर चिठ्ठियां काका के घर पहुंच जाती थी। राजेश खन्ना ने लड़कियों को अपना दीवाना बना रखा था। लड़कियां खून से प्रेम पत्र लिख कर राजेश खन्ना को पहुंचाती थी। वे जहां जाते थे वहां सफेद रंग की उनकी कार लड़कियों की लिपिस्टिक से गुलाबी हो जाती थीं। कई लड़कियों ने काका के नाम का टैटू बना लिया था। 
 
प्रशंसक की दीवानगी अलग-अलग होती है। कोई सुपरस्टार को भगवान मानने लगता है। अमिताभ बच्चन का तो मंदिर बना दिया गया है। उनके जन्मदिन पर कई शहरों में मिठाइयां बंटती हैं। गरीबों को खाना खिलाया जाता है। उनके फैन क्लब के सदस्य अमिताभ की फिल्म का पहले दिन पहला शो देखते हैं। मुंबई घूमने आए पर्यटकों के लिए बिग बी का घर देखना अनिवार्य है। उनके घर के बाहर लोगों का हुजूम लगा रहता है और मौका मिलते ही अमिताभ घर से निकल कर अपने फैंस का अभिवादन करते हैं।
 
प्रशंसकों की शक्ति का अंदाजा तब हुआ जब 'कुली' के सेट पर अमिताभ घायल होकर अस्पताल पहुंचे। जिंदगी और मौत के बीच उनका संघर्ष चल रहा था। फैंस ने हवन, पूजा, बलि जैसे तमाम उपाय किए और बिग बी ने भी माना कि वे मौत के मुंह से इसलिए लौटे क्योंकि प्रशंसकों की अर्जियों को ऊपर वाले को मंजूरी देनी ही पड़ी। 
 
कुछ फैंस तो अजीब कारनामे करते है। कोई अपने शहर से पैदल चल कर मुंबई आता है। कोई गुलाटी खाते हुए आता है। संजय दत्त के एक प्रशंसक ने कसम खाई कि बाबा जब तक रिहा नहीं होंगे वह नंगे पैर रहेगा। कुछ प्रशंसक अपनी होटल में व्यंजन का नाम किसी स्टार के नाम पर रख देते हैं। बाल काटने वाले दुकान के बोर्ड पर अपने प्रिय सितारे का चेहरा लगा देते हैं। 
 
प्रशंसकों का यह प्रेम कई बार अपनी हद पार कर जाता है और वे खतरनाक हो जाते हैं। कुछ सिरफिरे प्रशंसक हीरोइनों का पीछा करते हैं। दावा करते हैं कि उनकी फलां हीरोइन से शादी हो चुकी है। घर तक पहुंच जाते हैं और बाद में हवालात की हवा खानी पड़ती है। शिल्पा शेट्टी ने ऐसे ही एक फैन को चांटा जड़ दिया था जो उन्हें छूने की कोशिश कर रहा था। ऐसे व्यक्तिों को फैन नहीं कहा जा सकता। जो अपने प्रिय सितारे को तकलीफ पहुंचाए वो काहे का फैन। 
 
पहले फैंस चिठ्ठियां लिखते थे। मिलने पर ऑटोग्राफ मांगते थे, अब सेल्फी का जमाना है। प्रशंसकों और स्टार्स के बीच सीधे संवाद के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स भी उपलब्ध है। 
 
कुछ सितारे दिल से मानते हैं कि वे प्रशंसकों के कारण ही सफलता की चोटी पर हैं। वे फैंस की मदद करते हैं। सलमान खान और रजनीकांत इन मामलों में बहुत आगे हैं। कुछ कलाकार अपने फैंस क्लब द्वारा लोगों को मदद पहुंचाते हैं। दरअसल फैंस और सितारे एक-दूसरे की जरूरत हैं, एक-दूसरे के बिना इनका कोई अस्तित्व नहीं है।  
 

वेबदुनिया पर पढ़ें