मल्लिका ने रणवीर को 99 थप्पड़ लगाए हैं : सचिन खोट

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‘अगली और पगली’ फिल्म इस समय चर्चा में है। मल्लिका शेरावत और रणवीर शौरी अभिनीत इस फिल्म का नाम थोड़ा हटकर है, इससे लोगों में उत्सुकता है। सचिन खोट नामक युवा निर्देशक ने इसे निर्देशित किया है, जिन्होंने कुछ टीवी धारावाहिकों का निर्देशन किया है। पेश है सचिन से बातचीत :

‘अगली और पगली’ बनाने का विचार कैसे आया?
फिल्म का मूल विचार काफी पुराना है कि विपरीत एक-दूसरे को आकर्षित करता है। इसे हमने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया है। 21 वीं सदी की लड़कियाँ ज्यादा आक्रामक और प्रेम संबंध में लड़कों पर भारी पड़ती हैं। ज्यादातर फिल्मों में दिखाया जाता है कि प्रेम संबंधों में लड़के डॉमिनेट करते हैं, लेकिन इस फिल्म के जरिए मैंने कुछ हटकर करने का प्रयास किया है।

मल्लिका शेरावत और रणवीर के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
दोनों अद्‍भुत इंसान हैं। साथ ही प्रोफेशनल और नैसर्गिक कलाकार भी हैं। इस फिल्म में चूँकि अभिनेत्री की भूमिका प्रबल और आक्रामक किस्म की है, इसलिए मल्लिका ने रणबीर को 99 बार फिल्म में तमाचें जड़े हैं। मेरे हिसाब से रणवीर के अलावा फिल्म उद्योग में कोई और अभिनेता यह भूमिका नहीं करता। सेट पर रणवीर और मल्लिका अलग-अलग तरीके से थप्पड़ जमाने की तकनीक पर बात किया करते थे। मुझे आश्चर्य होता था कि रणवीर, मल्लिका को सिखाते थे कि वो किस तरह उन्हें तमाचा मारें। दोनों ने एक-दूसरे की काफी मदद की और अपनी तरफ से दृश्य को बेहतर बनाने की हरसंभव कोशिश की।

क्या फिल्म में कई कलाकारों ने संक्षिप्त भूमिकाएँ निभाई हैं?
ज़ीनत अमान ने इस फिल्म में संक्षिप्त और प्यारी-सी भूमिका की है। इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताऊँगा। वीजे गौरव, वीजे विशाल मल्होत्रा और मनीष आनंद ने भी फिल्म में छोटी किंतु महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

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पीएनसी की पिछली फिल्म ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’ ने अच्छी सफलता हासिल की थी। राहुल बोस और मल्लिका की जोड़ी को काफी पसंद किया गया था। आपने राहुल-मल्लिका की बजाय रणवीर-मल्लिका की नई जोड़ी क्यों चुनी?
देखा जाए तो उस समय राहुल-मल्लिका की जोड़ी भी नई थी। यह प्रीतिश नंदी का आइडिया था। मेरे खयाल से रणवीर इस भूमिका के लिए एकदम उपयुक्त हैं।

क्या आपकी फिल्म वहीं से आरंभ होगी, जहाँ ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’ खत्म हुई थी? कहा जा रहा है कि फिल्म की कहानी भी मिलती-जुलती है?
दोनों फिल्मों में कोई समानता नहीं है। चूँकि यह फिल्म उसी बैनर की है जिसने ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’ बनाई थी और नायिका भी वही हैं, इसलिए ऐसा लग रहा है। उस फिल्म में राहुल बोस एक तरह से विजेता थे, लेकिन इस फिल्म में रणवीर ने परास्त होने वाले व्यक्ति की भूमिका निभाई है। मल्लिका के अलावा कोई समानता दोनों फिल्मों में नहीं है।

सेट पर माहौल कैसा रहता था? कोई यादगार घटना बताएँ।
सेट पर हमेशा दोस्ताना माहौल रहता था, लेकिन मेरे लिए मामला उलटा था। चूँकि यह मेरी पहली फिल्म थी, इसलिए मैं सेट पर हमेशा थोड़ा नर्वस रहता था। नर्वस होने की वजह से मैं इधर-उधर घूमता रहता था। मुझे बार-बार खींचकर लाया जाता था।

मल्लिका रिजर्व किस्म की इंसान मानी जाती हैं। उनका सेट पर दूसरों के साथ कैसा व्यवहार था?
मुझे समझ में नहीं आता कि उन्हें रिजर्व क्यों कहा जाता है। वे सभी से मिलती और बात करती थी। वे बेहद प्रोफेशनल कलाकार हैं।

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मल्लिका और रणवीर के बीच संबंध कैसे थे? प्रोमो में तो उनकी केमेस्ट्री काफी अच्छी लग रही है।
विश्वास कीजिए, जितनी बेहतरीन केमेस्ट्री प्रोमो में दिखाई दे रही है, वैसी ही सेट पर भी थी। वे हमेशा मौज-मस्ती करते थे। मुझे याद है कि एक शॉट के लिए रणवीर को मल्लिका को उठाकर सड़क पर चलना था। मल्लिका जानबूझकर ऐसी हरकत कर रही थी शॉट दोबारा लेना पड़े और रणवीर को उन्हें उठाना पड़े। मेरे खयाल से दो कलाकारों की केमेस्ट्री परदे पर तभी अच्छी दिखाई देती है जब उनके बीच आपसी सूझ-बूझ हो।