इस बार की फिल्म यानि बागी 3 में लोगों को बहुत सारे इमोशन्स दिखेंगे। वर्ना हमेशा से बागी में आपने टाइगर को एक्शन या मार-धाड़ करते देखा है। कैसे उसके साथ गलत होता है और वो दुश्मनों से लड़ने के लिए निकल पड़ता है। इस बार अलग ये है कि आप इसमें हम चार लोगों यानी मेरी रितेश, श्रद्धा और टाइगर के रिलेशनशिप को देखेंगे। कैसे हम एक दूसरे के साथ बंधे हुए हैं।
अंकित लोखंडे मणिकर्णिका की झलकरी बाई का किरदार निभाने के बाद एक बार फिर लोगों के सामने एक फिल्म में अच्छे खासे रोल के साथ लौट रही हैं। वेबदुनिया से बातचीत करते हुए अंकिता ने बताया कि झलकरी बाई के किरदार में मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी थी। वो इतिहास पर बनी एक फिल्म थी तो उस रोल में बहुत सोच समझ कर रोल करना पड़ा था।
लेकिन इस रोल के लिए बहुत जरूरी है कि आपकी ऑफस्क्रीन दोस्ती बहुत अच्छी हो, मेरी रितेश या मेरी और श्रद्धा की हो.. अहमद ने हमें स्क्रिप्ट दी थी, लेकिन उसमें हमें काम करने की आजादी भी थी। हम सब लाइन पढ़ कर आते थे लेकिन शूट कुछ और ही होता था। ऐसे सीन करने के लिए आपको ऑनस्क्रीन और ऑफ स्क्रीन बहुत लाइवली रहना पड़ता है। वैसे भी मैं मेथड एक्टिंग नही कर सकती। मैं बहुत स्पॉंटेनियस हूं। ऐसे बैठो ऐसे हाथ रखो मैं ये सब नहीं कर पाती। मैं सेट्स पर आई और वैसे ही काम करा लो, मैं ज्यादा बेहतर रिज़ल्ट दे सकूंगी।
तो रोल भी अर्चना या झलकरी जैसा नहीं है?
नहीं, बिल्कुल नहीं। रूचि बहुत अलग लड़की है। मैं अच्छी बीवी हूं अच्छी बहन हूं। जो बहुत लड़ती झगड़ती रहती है। कैरेक्टर में रुचि बहुत पर्टीक्यूलर है वो साफ सुथरा रहना और पहनना पसंद करती है। ब्रैंडेड कपड़े ही खरीदना पसंद करती है।
टीवी से जो सीख कर आईं वो काम आता है?
बिल्कुल टीवी आपको बहुत सारी मेहनत करना सिखाता है। मुझे लगातार काम करने की आदत है। मुझे याद है मैं तो सोती ही नहीं थी। हम 24 घंटे काम करते रहते थे। सेट पर भी जहां कोई सोफ़ा मिला मैं सो जाया करती थी। 5 मिनिट में खाना खा कर फिर से सेट्स पर पहुंच जाती थी। फ़िल्मों में तो मेरे लिए बहुत आराम है। दिन का एक सीन करना है तो बहुत टाइम मिलता है। वैनिटी में बैठे रहो जब बुलाया जाए तब जाना होगा। मेरी आदतों की वजह से मैं बैठ ही नहीं पाती थी। मैं बार बार देखने जाती थी कि मेरा सीन कब तक है। टीवी आपको बहुत कुछ सिखा कर भेजता है।