इन दिनों वेब सीरिज़ को काफी पसंद किया जा रहा है और इसमें ऐसे विषय देखने को मिल रहे हैं जो कि टीवी या फिल्मों से अछूते रहे हैं। एलजीबीटी कम्यूनिटी पर आधारित 'ऑल अबॉउट सेक्शन 777' नामक वेब सीरिज आई थी अब इसका दूसरा सीज़न 'स्टिल अबॉउट सेक्शन 377' नाम से लेकर निर्देशक अमित खन्ना आ रहे हैं। यह एक ऐसा विषय है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है।
पहले भाग में ऐसा क्या बताना रह गया था जो आप दूसरा भाग लेकर आ रहे हैं? पूछने पर अमित बताते हैं 'पहले सीज़न में शहरी लोगों की कहानी दिखाई गई थी। दूसरे सीज़न में भारत के ग्रामीण इलाके की कहानी को दर्शाया गया है। एक शहरी 'गे कपल' गांव जाकर अपने परिवार को इस रिश्ते के लिए राजी करने की कोशिश करता है। गांव में लोगों को 'एलजीबीटी कम्यूनिटी' के बारे में बहुत कम जानकारी है। वे इसे एक बीमारी मानते हैं। दूसरे भाग में फोकस रूरल एरिया पर है।'
अमित ने सीरिज़ बनाने के पूर्व काफी रिसर्च भी किया है। शहरी और ग्रामीणों की 'एलजीबीटी कम्यूनिटी' के प्रति सोच में क्या अंतर है? इस पर अमित बताते हैं 'शहरी लोग थोड़े-बहुत खुल गए हैं, लेकिन भारत के भीतरी इलाकों के लोग इस बारे में बिलकुल बात नहीं करते। उन्हें जानकारी भी नहीं है। वहां इस समुदाय के लोगों को सब कुछ छिपा कर रखना होता है।'
फिल्मों में एलजीबीटी समुदाय के लोगों का चित्रण अजीब तरीके से होता है। इस बारे में अमित कहते हैं 'आमतौर पर फिल्मों में 'गे' या 'लेस्बियन' को लेकर फूहड़ हास्य रचा जाता है। जब वे स्क्रीन पर आते हैं तो अजीब तरह का संगीत बजता है। इससे बहुत नुकसान पहुंचा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि टीवी और फिल्म उद्योग के भी कुछ लोग एलजीबीटी कम्यूनिटी के हैं, लेकिन वे खुद बात को सही तरीके से पेश करने में घबराते हैं।'